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सपा सुप्रीमो अख‍िलेश यादव ने प‍िता मुलायम स‍िंंह की याद में क‍िया भावुक ट्वीट- ‘बिन सूरज के उगा सवेरा’

सपा सुप्रीमो अख‍िलेश यादव के ट्वीटर अकाउंट पर ल‍िखा गया है, 'आज पहली बार लगा…बिन सूरज के उगा सवेरा.' देखते ही देखते ही एक पुत्र का अपने प‍िता के नाम ल‍िखा गया यह भावुक संदेश काफी वायरल हो गया. सोशल मीड‍िया यूजर्स ने नेताजी के नाम से पहचाने जाने वाले धरतीपुत्र मुलायम स‍िंह को श्रद्धांजल‍ि देने लगे.

By Neeraj Tiwari | October 12, 2022 11:46 AM
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Mulayam Singh Yadav Cremation: समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अख‍िलेश यादव ने बुधवार की सुबह एक भावुक ट्वीट क‍िया. इस ट्वीट में उन्‍होंने प‍िता को खोने का ग़म चंद शब्‍दों में बयां कर द‍िया. इसके साथ ही उन्‍होंने दो तस्‍वीरों को भी साझा क‍िया है. इन तस्‍वीरों में प‍िता की जलती च‍िता और राख को द‍िखाते हुए उन्‍होंने अपने भाव स्‍पष्‍ट क‍िये हैं.

सपा सुप्रीमो अख‍िलेश यादव के आध‍िकार‍िक ट्वीटर अकाउंट पर ल‍िखा गया है, ‘आज पहली बार लगा…बिन सूरज के उगा सवेरा.’ देखते ही देखते ही एक पुत्र का अपने प‍िता के नाम ल‍िखा गया यह भावुक संदेश काफी वायरल हो गया. सोशल मीड‍िया यूजर्स ने नेताजी के नाम से पहचाने जाने वाले धरतीपुत्र मुलायम स‍िंह को श्रद्धांजल‍ि देने लगे. अपने ट्वीट के साथ सपा सुप्रीमो अख‍िलेश यादव ने दो तस्‍वीरें भी शेयर की हैं. इनमें से एक में वे रात के समय अपने प‍िता की जलती च‍िता के सामने एकांत में हाथ जोड़े खड़े नजर आ रहे हैं. वहीं, दूसरी तस्‍वीर में वे द‍िन के उजाले में राख में तब्‍दील हो चुकी च‍िता के सामने अपने पर‍िवार के सदस्‍यों और करीबी लोगों के साथ खड़े हैं.

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लाखों लोगों की उमड़ी थी भीड़

मंगलवार को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के पूर्व प्रमुख मुलायम सिंह यादव का इटावा जिले में स्थित पैतृक गांव सैफई में राजकीय अंतिम संस्कार क‍िया गया था. उनके पार्थिव शरीर को सुबह 10 बजे से अंतिम दर्शन के लिए सैफई मेला ग्राउंड के पंडाल में रखा गया था. मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया था. 82 साल की उम्र में उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली थी. वे बीते कई द‍िनों से बीमार चल रहे थे. उनके पार्थिव शरीर को सोमवार शाम सैफई लाया गया और उनकी ‘कोठी’ में रखा गया था, जहां लाखों लोग ‘नेताजी’ को अंतिम विदाई देने पहुंचे थे. वे अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच ‘नेताजी’ के नाम से मशहूर थे. उनको अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि देने के लिए मेला ग्राउंड में एक मंच बनाया गया था.

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