सपा के पैदल मार्च को पुलिस ने रोका, विरोध में अखिलेश यादव ने बीच सड़क पर शुरू की सदन की कार्यवाही
उत्तर प्रदेश पुलिस ने अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के विधायकों को विधानभवन तक मार्च करने से रोक दिया. वे विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले लोगों से संबंधित विभिन्न मुद्दों को उठाते हुए अपना विरोध दर्ज कराना चाहते थे. मगर पुलिस ने बड़ी संख्या में बैरिकेड्स लगा रखी थी.
Akhilesh Yadav Protest: यूपी विधानमंडल का मानसून सत्र (UP Vidhansabha Monsoon Session) सोमवार से शुरू हो गया. समाजवादी पार्टी ने भी राज्य सरकार पर करारा प्रहार करते हुए अपना विरोध दर्ज किया. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपाइयों ने पैदल मार्च किया. पार्टी कार्यालय से वे विधानसभा तक पैदल चल पड़े. हालांकि, पुलिस प्रशासन ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया. इस पर अखिलेश यादव ने सड़क पर छद्म विधानसभा की कार्यवाही शुरू कर दी.
सीएम योगी ने किया तंज
उत्तर प्रदेश पुलिस ने अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के विधायकों को विधानभवन तक मार्च करने से रोक दिया. वे विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले लोगों से संबंधित विभिन्न मुद्दों को उठाते हुए अपना विरोध दर्ज कराना चाहते थे. मगर पुलिस ने बड़ी संख्या में बैरिकेड्स लगा रखी थी. ऐसे में वे महज 100 मीटर की ही दूरी तय कर सके. इसके जवाब में पुलिस ने कहा कि पार्टी को अपने नियोजित मार्ग पर मार्च करने की अनुमति नहीं थी. वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर तंज करते हुए कहा, ‘वे लोकतांत्रिक तरीके से सवाल पूछ सकते हैं लेकिन उनसे ‘उम्मीद करना बहुत ज्यादा’ है.’
लोकतंत्र की हत्या कर रही भाजपा सरकार!
महंगाई, बेरोज़गारी के खिलाफ पैदल मार्च कर रहे माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी को विधानसभा जाने से रोका जाना बेहद शर्मनाक। pic.twitter.com/bo3r5u46AJ
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) September 19, 2022
इस रूट से जाना चाहते थे अखिलेश…
वहीं, पैदल मार्च को बीच रास्ते में ही रोक देने से सपाई बिफर गए. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में वे बीच मार्ग पर बैठ गए. सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे. मीडिया की ओर से पूछे जाने पर पार्टी की ओर से कहा गया कि वे अपना मार्ग नहीं बदलेंगे. पैदल मार्च का रूट सपा कार्यालय से शुरू होकर, राजभवन और जनरल पोस्ट ऑफिस के पास स्थित गांधी प्रतिमा से गुजरते हुए और विधान भवन तक पहुंचना था.
छद्म सदन की कार्यवाही शुरू की
इससे इतर समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से संदेश देते हुए कहा, ‘लोकतंत्र की हत्या कर रही भाजपा सरकार! महंगाई, बेरोजगारी के खिलाफ पैदल मार्च कर रहे माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को विधानसभा जाने से रोका जाना बेहद शर्मनाक है.’ वहीं, पुलिस की ओर से बयान दिया गया कि सपा का पैदल मार्च रोकना पड़ा क्योंकि सपा ने अपने रूट को बदलने से इनकार कर दिया. इससे ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से गड़बड़ हो जाती. हालांकि, इस बात से नाराज होकर सपाई बीच सड़क पर ही बैठ गए. उन्होंने छद्म सदन की कार्यवाही वहीं शुरू कर दी.
पुलिस ने बताया क्यों रोका मार्च?
हालांकि, पुलिस की ओर से यह भी बताया कि सपा ने पैदल मार्च की अनुमति नहीं ली थी. फिर भी उन्हें एक दूसरा रूट दिया जा रहा था मगर वे नहीं माने. पार्टी के नेताओं ने इसे लेने से इनकार कर दिया. ऐसे में पुलिस के पास मार्च को रोकने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. यदि वे सुझाए गए रूट को अपना लेते तो कोई दिक्कत नहीं होती. वहीं, यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘सपा के पैदल मार्च का आम लोगों से कोई लेना-देना नहीं है.’
Also Read: सपा सांसद एसटी हसन की राय- लखीमपुर खीरी कांड के आरोपितों को जमीन में गाड़कर पत्थरों से मार डाला जाए