जातीय जनगणना, प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण… चुनावी साल में BJP के ‘हिंदुत्व’ पर विपक्ष ने खेला पिछड़ा कार्ड!

UP Chunav 2022: यूपी में चुनावी साल में जिस तरह विपक्षी दलों ने पिछड़ा कार्ड खेला है, उससे बीजेपी के रणनीतिकारों की टेंशन बढ़ सकती है. अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना की मांग कर ऐलान कर दिया कि यूपी में सरकार आने पर उसे कराएंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | November 26, 2021 12:05 PM
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यूपी में चुनावी साल में एक ओर जहां बीजेपी हिंदुत्व के सहारे फिर से सत्ता में आने की तैयारी कर रही है. वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने पिछड़ा कार्ड खेलकर सत्तापक्ष की रणनीति ध्वस्त करने में जुट गई है. गुरुवार को अखिलेश यादव के जातीय जनगणना कराने की मांग के साथ आज मायावती ने प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने की मांग कर दी है.

मायावती ने संविधान दिवस पर प्रेस वार्ता कर मांग की है कि प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण की सुविधा लागू की जाए. मायावती ने आगे कहा कि केंद्र और यूपी सरकार को चाहिए कि आरक्षण को सही तरीके से लागू किया जा सके. मायावती के इस बयान के बाद लखनऊ के सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है.

अखिलेश ने जातीय जनगणना कराने की कही थी बात- गुरुवार को लखनऊ के रमाबाई मैदान में अखिलेश यादव ने ऐलान किया था कि सरकार आने पर जातीय जनगणना कराएंगे. अखिलेश ने कहा कि सरकार जातीय जनगणना कराने से क्यों हिचक रही है? यूपी में चुनावी साल में जिस तरह विपक्षी दलों ने पिछड़ा कार्ड खेला है, उससे बीजेपी के रणनीतिकारों की टेंशन बढ़ सकती है.

‘हिंदुत्व’ और राष्ट्रवाद के सहारे नैया पार लगाने की कोशिश में बीजेपी

राजनीतिक गलियारों की चर्चा की मानें तो बीजेपी 2022 के चुनाव में हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दे को फिर प्रमुखता दे सकती है. सीएम योगी आदित्यनाथ अपने अधिकांश भाषणों में अयोध्या और अब्बाजान का जिक्र करते हैं. वहीं बीजेपी के कई नेता लगातार विवादित बयान दे रहे हैं.

वहीं आगामी 15 दिसंबर को संघ और उससे जुड़े संगठन चित्रकूट में हिंदू महाकुंभ आयोजित कर रही है. इस महाकुंभ में आरएसएस चीफ मोहन भागवत के भी शामिल होने की बात कही जा रही है. इधर, पीएम मोदी यूपी में चुनाव की घोषणा से पहले काशी में बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर का शुभारंभ करेंगे.

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