दलित के घर CM योगी के भोजन पर अखिलेश का तंज, बोले- मैंने देखा कि कैसे वोट के लिए बे-मन खिचड़ी खा रहे थे

मकर संक्रांति के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में दलित परिवार के घर भोजन ग्रहण किया था, जिसे लेकर अब अखिलेश यादव ने तंज कसा है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 16, 2022 3:00 PM

UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए बीजेपी ने 107 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. पार्टी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर शहर से चुनावी मैदान में उतारा है. इस बीच अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सीएम योगी पर तंज कसा है. उन्होंने लिखा, मैंने तस्वीरें देखीं कि कैसे वह (योगी आदित्यनाथ) बे-मन से खिचड़ी खा रहे थे.

बे-मन से खिचड़ी खा रहे थे सीएम- अखिलेश यादव

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने लिखा, ‘मैंने तस्वीरें देखीं कि कैसे वह (योगी आदित्यनाथ) बे-मन से खिचड़ी खा रहे थे. यह लोग वोट के लिए खिचड़ी खा रहे हैं. हर वर्ग के लोग समझ गए हैं कि यह वोट के लिए सब कुछ कर रहे हैं. सब साथ आएं और भाजपा की ज़मानत जब्त कराएं.

बीजेपी ने योगी को भेज दिया घर- अखिलेश

अखिलेश ने इससे पहले कहा ट्वीट कर कहा कि, कभी कहते थे मथुरा से लड़ेंगे, कभी अयोध्या से तो कभी प्रयागराज से लड़ने की बात करते थे. मुझे इस बात की खुशी है कि BJP ने उन्हें (योगी आदित्यनाथ) अपने घर भेज दिया. अब मुझे लगता है कि गोरखपुर में ही उन्हें रहना पड़ेगा अब वहां से वापस आने की ज़रूरत नहीं है.

मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का अखिलेश पर पलटवार

अखिलेश के बयान पर यूपी की योगी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, अखिलेश जी को समझ नहीं आता कि उनका घर कहां है, जहां भी घर बनाते हैं उसे छोड़ देते हैं. इसी तरह जो अपना घर भूल जाता है वो प्रदेश को क्या याद रखेगा? हमारे CM गोरखपुर से हैं और वहीं से चुनाव लड़ रहे हैं, वो अपने घर को नहीं भूले तो प्रदेश को भी नहीं भूलेंगे.

क्या है खिचड़ी खाने का पूरा मामला

दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गोरखपुर दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को सामाजिक समरसता का संदेश देते हुए एक दलित परिवार के यहां खिचड़ी भोजन ग्रहण किया. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वंशवाद और परिवारवाद की राजनीति करने वाले सामाजिक न्याय के समर्थक नहीं हो सकते.

सीएम योगी ने कहा कि भ्रष्टाचार जिनके जीन्स का हिस्सा हो, वे सामाजिक न्याय की लड़ाई नहीं लड़ सकते. सामाजिक समरसता और न्याय की लड़ाई भाजपा ने लड़ी है. सामाजिक न्याय यह है कि शासन की योजनाओं का लाभ हर गरीब को मिले. हर तबके के लोगों को मिले. उनके साथ सामाजिक-आर्थिक भेदभाव न हो. यही भाजपा का मूल मंत्र है.

Posted by sohit kumar

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