जीवन-मरण की लड़ाई लड़ रहा किसान, कृषि कानूनों के लागू होने पर खेतिहर मजदूर जैसी हो जाएगी स्थिति: अखिलेश यादव
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में किसान जीवन-मरण की लड़ाई लड़ रहा है. सरकारी प्रचार में उसको बहुत कुछ देने का दावा किया जा रहा है, जबकि हकीकत में उसकी झोली खाली की खाली है.
UP Assembly Election 2022: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसान जीवन-मरण की लड़ाई लड़ रहा है. सरकारी प्रचार में उसको बहुत कुछ देने का दावा किया जा रहा है जबकि हकीकत में उसकी झोली खाली की खाली है. उसको मिल कुछ नहीं रहा है. पर उसे दोगुनी आमदनी का रंगीन सपना देखने को मजबूर किया जा रहा है. भाजपा की नीति और नीयत दोनों किसानों के हितों की अनदेखी करने वाली है.
किसानों को गुमराह करने में लगी है बीजेपी
अखिलेश यादव ने बयान जारी कर कहा कि किसानों की बदहाली की कहानी बीजेपी राज में कोई सुनने वाला नहीं है. खेती की लागत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. डीजल महंगा होता जा रहा है. बिजली का बिल बढ़चढ़कर आ रहा है. खाद, बीज के दाम भी बढ़ गए हैं. किसानों को कर्ज मिलने में भी तमाम दिक्कतें पेश आती हैं. बीजेपी अपने किए सभी वादे भूल गई हैं, वह सिर्फ किसानों को गुमराह करने में लगी है.
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एमएसपी का लाभ किसानों को नहीं, बिचौलियों को मिल रहा है
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी तक किसानों से गेहूं, धान और गन्ने की खरीद, एमएसपी दर पर करने को खूब प्रचारित करते हैं, लेकिन एमएसपी का लाभ किसान को नहीं, बिचौलियों को ही मिल रहा है. किसान धीमी खरीद से मंडी में अपनी फसल औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर होता है.
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बड़े घरानों की पोषक है बीजेपी का नीतियां
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी की नीतियां बड़े घरानों की पोषक हैं, इसलिए प्रदेश में चीनी मिलों को तो राहतें दी गई हैं, लेकिन किसानों के लिए गन्ना की एमएसपी में बढ़त करने का कोई उम्मीद नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी किसान को सिर्फ भटका रही है. सपा सरकार में गन्ना किसान को 40 रूपये की एक मुश्त बढ़ी रकम दी गई थी. अब पेराई सत्र शुरू होने वाला है लेकिन आज भी गन्ना किसानों का मिलों पर 10 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा बकाया है.
किसान हितैषी बनने का ढोंग करती है बीजेपी
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी अपने को किसान हितैषी बताने का ढोंग तो करती है पर वास्तव में वह किसान और खेती दोनों को बर्बाद करने पर तुली है. किसानों पर तीन काले कृषि कानून लाद दिए गए हैं, जिनके लागू होने पर किसान अपने खेत का मालिक नहीं रह जाएगा. उसकी स्थिति खेतिहर मजदूर जैसी हो जाएगी. सैकड़ों किसान धरना-प्रदर्शन में अपनी जान गवां चुके हैं. इसके बावजूद बीजेपी सरकार संवेदनशून्य बनी हुई है.
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झूठ का कारोबार करने में माहिर है बीजेपी सरकार
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार झूठ का कारोबार करने में माहिर है. वह करती कुछ नहीं है, बस प्रचार का हवाई महल खड़ा कर लोगों को अचम्भित करती है. जनता और खासकर किसान भलीभांति जान गया है कि बीजेपी सरकार के रहते उसकी जिंदगी में ‘अच्छे दिन‘ नहीं आने वाले हैं.
Posted by : Achyut Kumar