Lucknow: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ( Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav ) शुक्रवार को बीजेपी सरकार (BJP Government) को खिलाफ संघर्ष करते नजर आए. सबसे पहले वह राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने राजभवन पहुंचे. वहां आज आज़म ख़ान के खिलाफ दर्ज होने झूठे मुकदमों के बारे में राज्यपाल को जानकारी दी. इसके वह विधानसभा सत्र में पहुंचे और वहां सरकार से प्रश्नों का उत्तर न मिलने के कारण वॉकआउट कर दिया.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने विधानसभा सत्र के शुरुआत जिस तरह सड़क पर उतरकर की थी, उसी तरह अंतिम दिन भी वह योगी सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़क पर उतर गये. अंतर सिर्फ इतना रहा के विधानसभा सत्र के पहले दिन पुलिस ने उन्हें प्रदेश कार्यालय से निकलते ही पैदल मार्च करने से रोक दिया था.
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अखिलेश यादव ने विधानसभा जाने से रोकने पर सड़क पर ही धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया था. साथ ही विधानसभा की कार्यवाही भी सांकेतिक रूप से सड़क पर ही करनी पड़ी थी. वहीं शुक्रवार 23 सितंबर को अखिलेश यादव विधानसभा से सपा के प्रदेश कार्यालय तक पैदल गये. उनके साथ सभी विधायक और कार्यकर्ता भी थे.
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष (Akhilesh Yadav) ने शुक्रवार को दिन की शुरुआत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandi ben Patel) के साथ मुलाकात से की. आजम खान (Azam Khan) के खिलाफ झूठे मुकदमें दर्ज करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने राज्यपाल से हस्तक्षेप का निवेदन किया. उनके साथ प्रतिनिधि मंडल विधायक रविदास मेहरोत्रा, राम अचल राजभर व अन्य विधायक थे. यहां से वह सीधे विधानसभा सत्र के लिये निकल गये.
विधानसभा सत्र में पहुंचे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार की नीतियों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि इस सदन में सरकार की तरफ से कोई जवाब महंगाई-बेरोजगारी पर नहीं आया. स्वास्थ्य सेवाएं आज भी ठप हैं. छात्र संघ में आज भी बच्चे वैसे ही बैठे हैं. महिला उत्पीड़न, किसानों आदि की समस्या पर सरकार से किए गए प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया गया. इसलिये वह और समाजवादी पार्टी सदन से वॉकआउट कर गये.
अखिलेश यादव सदन से वॉक आउट के बाद पैदल ही बाहर निकले. उनके साथ सभी सपा विधायक भी थे. सपा विधायकों के हाथ में नारे लिखे हुए कार्ड भी थे. विधानसभा सत्र शुरू होने के दिन अखिलेश यादव और सपा विधायक जो पैदल मार्च नहीं कर पाए थे, सत्र के अंतिम दिन उन्होंने कर दिया.