कोलकाताः उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम सिंह के पुत्र और यूपी के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) पश्चिम बंगाल में कई जनसभाओं का आयोजन करेगी. यूपी में अपनी खोयी ताकत को फिर से पाने के लिए ही समाजवादी पार्टी ने यह रणनीति बनायी है.
दरअसल, वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के साथ-साथ वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से बुरी तरह पिट चुकी समाजवादी पार्टी की नजर अलग-अलग प्रदेशों में रह रहे प्रवासी वोटरों पर है. सपा ने अपनी रणनीति के तहत विभिन्न राज्यों में शाखा संगठनों को इस बाबत तैयारी करने को कहा है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि इस बार वह योगी राज से उत्तर प्रदेश को मुक्त कराने के लिए किसी बड़ी पार्टी मसलन कांग्रेस या बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कोई समझौता नहीं करेंगे. अलबत्ता वह छोटी पार्टियों को साथ लेकर चलने को तैयार हैं.
समाजवादी युवजन के प्रदेश अध्यक्ष हबीबुर्र रहमान खान ने कहा कि बीते महीने प्रदेश के नेताओं की एक टीम को लखनऊ बुलाया गया था. वहां पर पार्टी ने निर्देश दिया था कि जैसे भी हो, पश्चिम बंगाल में रह रहे सभी प्रवासी उत्तर प्रदेश के लोगों को लेकर सभा करें. लखनऊ से नेताओं की टीम कोलकाता पहुंचेगी और वहां पर वे लोगों से बात करेगी.
उत्तर प्रदेश के मुद्दों पर बातचीत के साथ ही बंगाल में बसे यूपी के लोगों से अपील करेगी कि वे खुद अपने पैतृक घर जाकर सपा के पक्ष में मतदान करें. साथ ही अपने परिजनों को भी सपा के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करें. सपा का मानना है कि पश्चिम बंगाल में रह रहे लोगों का अपने गांवों से बेहतर नाता है. वे लोग सीधे उनकी बात मानते हैं. लिहाजा, उनके कहने का व्यापाक असर पड़ेगा.
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इस संबंध में सपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता व प्रदेश अध्यक्ष किरणमय नंदा लखनऊ में रहकर रणनीति को अमलीजामा पहनाने में जुट गये हैं. प्रदेश के नेताओं से हरी झंडी मिलते ही समाजवादी पार्टी के नेताओं की टीम कोलकाता का दौरा शुरू कर देगी. विधानसभा चुनाव तक नेताओं का आना जारी रहेगा.
इस बीच, केंद्रीय नेतृत्व की सक्रियता को देखते हुए राज्य के नेता भी सक्रिय हो गये हैं. हबीबुर्र रहमान के मुताबिक, वे पहली बैठक अगस्त के पहले हफ्ते या फिर अंतिम सप्ताह में करेंगे. जिलों में सभाएं भी होंगी.
Posted By: Mithilesh Jha