Aligarh News: प्रख्यात उर्दू लेखक, आलोचक, निबंधकार, इस्लामी विद्वान और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग से सेवानिवृत्त शिक्षक डॉ नादिर अली खान का इंतकाल हो गया. डॉ नादिर अली खान के पार्थिव शरीर को जनाजे को नमाज के बाद सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया.
प्रख्यात उर्दू लेखक डॉ नादिर अली खान का बीमारी के चलते इंतकाल हो गया. डॉ नादिर अली खान के जनाजे में भीड़ उमड़ पड़ी. जनाजे की नमाज के बाद डॉ नादिर अली खान को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. डॉ नादिर अली खान के निधन से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी मातम छा गया. डॉ नादिर अली खान एएमयू के उर्दू विभाग में रीडर रहे और वहीं से सेवानिवृत्त हुए.
एएमयू के उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रो मोहम्मद अली जौहर ने बताया कि एक लंबे और शानदार करियर के बावजूद, डॉ नादिर अली खान ने कभी प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन नहीं किया और हमेशा यही कहा कि एक रीडर के रूप में उनका वेतन उनके परिवार के भरण पोषण के लिए पर्याप्त है. वह एक रीडर के रूप में ही सेवानिवृत्त हुए.
एएमयू के पूर्व पीआरओ डॉ. राहत अबरार ने बताया कि डॉ. नादिर अली की चार बेटे व दो बेटियां हैं. इनके दामाद डॉ. मोहसिन वली देश के राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम व प्रणव मुखर्जी के स्वास्थ्य सलाहकार रहे .
डॉ नादिर अली खान प्रख्यात उर्दू लेखक, आलोचक, निबंधकार, इस्लामी विद्वान थे. डॉ नादिर अली खान ने बड़ी संख्या में साहित्यिक और शैक्षणिक कार्य प्रकाशित किये. डॉ नादिर अली 1991 में लिखी गई अपनी पुस्तक ‘ए हिस्ट्री इन उर्दू जर्नलिज्मः 1822-1857‘ के लिए प्रसिद्ध हैं. यह पुस्तक 9 अलग-अलग शहरों के समाचार पत्रों की समीक्षा एवं अध्ययन प्रस्तुत करती है.
उन्होंने उर्दू भाषा विज्ञान, उत्पत्ति और उर्दू भाषा के विकास पर मसूद हुसैन खान की प्रसिद्ध पुस्तक का एक आलोचनात्मक मूल्यांकन लिखा, जिसमें उन्होंने मसूद हुसैन खान के कार्यों का अच्छी तरह से विश्लेषण, और मूल्यांकन किया. उनके कार्यों को विभिन्न विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. पुस्तकों का अंग्रेजी में अनुवाद भी किया गया है.
डॉ नादिर ने भारत में इस्लामी महत्व के विभिन्न केंद्रों की यात्रा की, जहां उन्होंने शेख उल-हदीस मुहम्मद ज़कारिया अल-कांधलवी (1898-1982) और महान सुधारक, मौलाना मुहम्मद यूसुफ कांधलवी जैसे प्रख्यात धार्मिक विद्वानों से मुलाकात की.
रिपोर्ट- चमन शर्मा