Aligarh News: 28 साल पहले बसपा सुप्रीमो मायावती के संज्ञान लेने के बाद अलीगढ़ के थाना दादों के नगला परसी में ईंट भट्टा कांड में 11 आरोपितों पर मुकदमा दर्ज हुआ था, मामले में एडीजे विशेष एस एसटी कोर्ट ने सभी आरोपितों को बरी कर दिया है. सीबीसीआईडी ने मामले में चार्जशीट दाखिल की थी.
बचाव पक्ष के वकील संजय शर्मा ने मीडिया को बताया कि, 30 नवंबर 1994 को दादों थाने के नगला परसी में एक ईंट भट्टे पर कुछ बदमाशों ने धावा बोलकर काम करने वाले मजदूरों के परिवार से मारपीट, लूटपाट, डकैती, 14 साल की नाबालिग से दुष्कर्म किया था. ईंट भट्टा के मुनीम श्यौराज सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने नगला परसी कांड पर आवाज उठाई थी. जिसके बाद तत्कालीन एसओ को निलंबित किया गया था और मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था. प्रकरण पर सीबीसीआईडी ने जांच कर 2002 में 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दी थी.
नगला परसी ईंट भट्टा कांड में कोर्ट में 11 गवाह में से 10 पेश किए गए थे. आरोपियों को पहचानने में असमर्थता जाहिर करने पर एडीजे विशेष एसएसटी कोर्ट ने 28 साल बाद संदेह के आधार पर सभी आरोपियों को बरी कर दिया. मामले में 4 आरोपित जगन, श्रीपाल, हरप्रसाद, मदना उर्फ मदन की मौत हो चुकी है. मामले में अन्य जीवित आरोपित भगत, अतरपाल, धर्मपाल, अतर सिंह, पप्पू, भूरे, रणवीर को बरी कर दिया गया है.
रिपोर्ट- चमन शर्मा, अलीगढ़