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योगी सरकार ने दुनिया भर के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बनाया खास प्लान, बदलेंगी सभी औद्योगिक नीतियां

सरकार ने उत्तर प्रदेश रक्षा एवं एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति (यथासंशोधित)- 2018 में संशोधन कर पूंजी अनुदान को अधिकतम 15 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये तक कर दिया है, ताकि प्रदेश में अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित किया जा सके.

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए हर संभव प्रयास में जुट गई है. सरकार अब जनवरी 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करने जा रही है. इसके माध्यम से 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके साथ ही सरकार अब भारी प्रोत्साहन प्रदान करके “बड़े निवेश” लाने का भी प्रयास कर रही है.

उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचाया जा सके, इसके लिए हर संभव प्रयार कर रही है. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगभग सभी औद्योगिक नीतियों में संशोधन कर महत्वपूर्ण बदलाव करने का निर्देश दिया है. बीते मंगलवार को ही कैबिनेट की बैठक में सरकार ने उत्तर प्रदेश रक्षा एवं एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति (यथासंशोधित)- 2018 में संशोधन कर पूंजी अनुदान को अधिकतम 15 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये तक कर दिया है.

दरअसल, प्रदेश के सीएम योगी ने सभीऔद्योगिक नीतियों में आवश्यकता अनुसार संशोधन करने का निर्देश दिया है. सरकार का प्रयास है कि नीतियों को इस तरह का बनाया जाए, जिसमें उद्यमियों को अधिक से अधिक राहत मिल सके और राज्य में निवेश बढ़ सके.

इसके साथ, सरकार को अपने नोड्स बनाने की उम्मीद है, विशेष रूप से बुंदेलखंड में जैसे रक्षा औद्योगिक गलियारे के चित्रकूट नोड, जोकि निजी निवेशकों के लिए आकर्षक साबित हो सकें. यहां तक कि अन्य चार नोड्स में लखनऊ, अलीगढ़, झांसी, आगरा और कानपुर में भी सबसे बड़ा निवेश सार्वजनिक क्षेत्र के माध्यम से किया गया है. भारत डायनेमिक्स एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है, जिसे झांसी में 183 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई थी और डीआरडीओ ब्रामोस को लखनऊ नोड में 80 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई थी.

बुंदेलखंड के विपरीत पश्चिमी यूपी के अलीगढ़ जिले में अधिग्रहित संपूर्ण 70 हेक्टेयर भूमि समाप्त हो गई है. इसके लिए और भूमि आवंटित की गई है, लेकिन यहां छोटी इकाइयों की संख्या 20 है. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि बड़े टारगेट को पूरा करने के लिए, सरकार को बड़े निवेश की आवश्यकता है और उम्मीद है कि सहायक इकाइयां साथ आएंगी और प्रोत्साहन की ऊपरी सीमा 15 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दी गई है.

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