Allahabad Haunted Places: आज के दौर में शायद ही कोई होगा जो भूत-प्रेत पर यकीन करता हो, लेकिन इस दुनिया में कई लोग हैं जो इस बात का दावा करते हैं कि इस धरती पर भगवान के साथ-साथ बुरी आत्माएं भी हैं, जो अक्सर लोगों को कहीं न कहीं दिख जाती हैं. यही नहीं कई बार तो कुछ लोगों ने इसके होने के एहसास को महसूस भी किया है. पैरानॉर्मल एक्सपर्ट्स की माने तो जिन लोगों की मौत एक्सीडेंट और खुदकुशी से होती है. उनकी आत्मा हमेशा जिंदा रहती है. आत्माएं अपने होने को लेकर अजीबोगरीब ढंग से खुद को व्यक्त करती हैं. जिसे भूत-प्रेत कहा जाता है. आज हम आपको बताएंगे यूपी के इलाहाबाद (प्रयागराज) की भूतिया जगहों के बारे में. जहां लोग अंधेरा होने के बाद से जाने से डरते हैं….
इलाहाबाद का नैनी स्टेशन की अपनी एक अलग कहानी है. नैनी जेल के पास स्थित नैनी स्टेशन ‘भूतिया’ जगहों में से एक है. इसके बारे में कहा जाता है कि इस जेल में कुछ सेनानियों को रहस्यमय तरीके से मौत हुई थी. जिनकी आत्माएं नैनी स्टेशन पर रात में घूमती हैं. कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्होंने यहां भूत देखा है. अंधेरा हो जाने के बाद लोग यहां आने से कतराते हैं.
इलाहाबाद का कीडगंज मोहल्ला भी भूतिया जगहों में से एक है. कहा जाता है कि कुछ साल पहले देर रात में दो लड़के शादी समारोह से लौट रहे थे. वे दोनों शराब के नशे धुत में थे. जब दोनों कीडगंज के संत निरंकारी आश्रम के पास पहुंचे तो वहां पर एक लड़की उन दोनों से लिफ्ट मांगी. युवकों ने उसे अपने बाइक पर बैठा लिया. थोड़ी दूर पहुंचने के बाद बीच में बैठा युवक उस लड़की तो छेड़ने लगा. इसके बाद लड़की ने बाइक रोकने के लिए कहा. जब युवक ने गाड़ी रोकी तो वह दोनों को दो-तीन तमाचा मारकर आगे बढ़ गईं. दोनों युवक वहां से भाग गए. थोड़ी देर बाद दोनों उस लड़की को खोजने आए लेकिन वह नहीं मिली. जिसके बाद कहा जाता है कि यह जगह डरावनी है क्योंकि इतने अंधेरे में अकेली लड़की आखिर कहां गायब हो गई.
इलाहाबाद का कृषि विश्वविद्यालय को भूतिया कहा जाता है. इसके कैंपस में बने गर्ल्स हॉस्टल को हॉन्टेड कहा गया है. क्योंकि कई बार इस हॉस्टल में लड़कियों ने भूत की प्रकृति देखी हैं. इस हॉस्टल में रात होने के बाद से लड़कियां अपने रूम से बाहर नहीं आती हैं.
खुसरो बाग इलाहाबाद का जान कहा जाता है. इसके बारे में भूतिया कहानी भी है. मुगल शासन जहांगीर की वाइफ मान बाई समेत उनके बेटे शहजादा खुसरो और बहन सुल्तान निसार बेगम का इसमें मकबरा है. मान बाई पंजाब के गर्वनर और आमेर के राजा भगवंत दास की बेटी थीं. और उनके भाई राजपूत मुखिया मान सिंह थें. 1584 में मुगल जहांगीर से मान बाई की शादी हुई. 1587 में उन्होंने शहजादे खुसरो को जन्म दिया. पति जहांगीर और बेटे खुसरो के बीच के झगड़े से तंग आकर मान बाई ने 1603 में अपने 7 बच्चों के साथ खुदकुशी कर ली. जिनकी आत्माएं यहां भटकती है. रात में इस बाग से डरावनी आवाजें आती हैं.