Noida News: अवमानना के एक मामले में अदालत में पेश नहीं होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रितु माहेश्वरी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया. अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि अगली सुनवाई 13 मई को उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए.
दरअसल, यह आदेश न्यायाधीश सरल श्रीवास्तव की कोर्ट ने दिया है. नोएडा के सेक्टर-82 में अथॉरिटी ने 30 नवंबर 1989 और 16 जून 1990 को ‘अर्जेंसी क्लॉज’ के तहत भूमि अधिग्रहण किया था. इस मामले में जमीन की मालकिन मनोरमा कुच्छल ने चुनौती दी थी. साल 1990 में दायर मनोरमा की याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 19 दिसबंर 2016 को फैसला सुनाते हुए अधिग्रहण रद्द कर दिया था.
कोर्ट ने जमीन की मालकिन मनोरमा कुच्छल को नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत सर्किल रेट से दोगुनी दरों पर मुआवजा देने और प्रत्येक याचिका पर 5-5 लाख रुपए के खर्च का आंकलन करते हुए प्राधिकरण को भरपाई करने का आदेश सुनाया था. इस मामले में प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में अपील भी की लेकिन हार गया. इसके बाद भी प्राधिकरण ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया.
इस मामले में मनोरमा कुच्छल ने अब हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की जिस पर कोर्ट ने नोएडा की सीईओ को पेश होने को कहा, लेकिन नोएडा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रितु माहेश्वरी कोर्ट नहीं पहुंचीं, जिस पर कोर्ट ने काफी नाराजगी जताते हुए कहा कि, क्या अब सीईओ की मर्जी चलेगी. जज ने कहा कि क्या अब कोर्ट उनकी सुविधा के अनुसार काम करेगा. कोर्ट ने कहा कि, एक संस्थान की सीईओ चाहता है कि उसकी मर्जी से मुकदमे की सुनवाई की जाए.