हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का बड़ा आदेश, Income Tax के डिप्टी कमिश्नर को जेल-जुर्माना, जानें पूरा मामला…
इस मामले में हाई कोर्ट ने अफसर पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं चुकाने पर अफसर को एक अतिरिक्त दिन जेल में बिताना होगा. कोर्ट ने अधिकारी को आदेश दिया है कि वह 22 दिसंबर को दोपहर तीन बजे कोर्ट के सीनियर रजिस्ट्रार के सामने पेश हों, जहां से उन्हें जेल भेजा जाएगा.
Lucknow: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench) ने इनकम टैक्स विभाग को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने इनकम टैक्स विभाग के डिप्टी कमिश्नर हरीश गिडवानी को अवमानना के मामले में एक हफ्ते के साधारण कारावास की सजा सुनाई है. करदाता का उत्पीड़न करने के जुर्म में डिप्टी कमिश्नर को लेकर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है.
22 दिसंबर को रजिस्ट्रार के सामने होंगे पेश
इस मामले में हाई कोर्ट ने अफसर पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं चुकाने पर अफसर को एक अतिरिक्त दिन जेल में बिताना होगा. कोर्ट ने अधिकारी को आदेश दिया है कि वह 22 दिसंबर को दोपहर तीन बजे कोर्ट के सीनियर रजिस्ट्रार के सामने पेश हों, जहां से उन्हें जेल भेजा जाएगा. हाई कोर्ट के इस सख्त फैसले के बाद इनकम टैक्स विभाग में हड़कंप मच गया है. विभाग में उच्च अधिकारी पर कोर्ट की इस कार्रवाई को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है.
52 लाख रुपये के नोटिस का है मामला
यह आदेश जस्टिस इरशाद अली की बेंच ने प्रशांत चंद्रा की ओर से दाखिल एक अवमानना याचिका पर दिया है. याची का कहना था कि उसे लखनऊ में इनकम टैक्ट विभाग ने साल 2011-12 के लिए करीब 52 लाख रुपये का मूल्यांकन नोटिस भेज दिया था, जबकि उन्होंने अपना आयकर दिल्ली से भरा था.
कोर्ट के आदेश की अवमानना
उनकी याचिका पर हाईकोर्ट ने 31 मार्च 2015 को नोटिस और अन्य आदेश रद कर दिए थे. याची का आरोप है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर बकाया नोटिस सात महीने तक चलता रहा, जिससे उनके सम्मान पर काफी चेाट लगी.
Also Read: Lucknow: सीएम योगी पर अभद्र टिप्पणी मामले में शिरीष कुंदर की मुश्किलें बढ़ी, हाई कोर्ट ने दिया ये आदेश…
परेशान करने के मकसद से किया कृत्य
इस पर कोर्ट ने कहा कि केस में गिडवानी ने अदालत के आदेश के बावजूद याची को परेशान करने की नीयत से बकाया नोटिस वेब साइट से नहीं हटाया. इस मामले में केवल जुर्माना ही काफी नहीं है बल्कि अवमानाकारी गिडवानी को जेल भेजने से ही न्याय की पूर्ति होगी.