Prayagraj News: मुख्तार अंसारी ने कहा- सजा पूरी करने के बाद भी जेल में बंद, अब हाईकोर्ट ने दिए ये निर्देश

कोर्ट के जज सुनीत कुमार और विक्रम डी चौहान की बेंच ने अंसारी की अर्जी पर सुनवाई की. कोर्ट ने एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट प्रयागराज को निर्देश दिया है कि वह मामले के संबंध में जेल अधीक्षक से रिपोर्ट लेकर उचित आदेश पारित करें.

By Prabhat Khabar News Desk | January 12, 2022 8:28 AM

Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांदा जेल में निरुद्ध बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए कोर्ट से जारी रिमांड आदेश में बड़ी राहत दी है. न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की बेंच ने अंसारी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए, एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट प्रयागराज को निर्देश दिया है कि वह मामले के संबंध में जेल अधीक्षक से रिपोर्ट लेकर उचित आदेश पारित करें.

अंसारी ने हाईकोर्ट में दी थी चुनौती

गौरतलब है की पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी ने विशेष न्यायालय एमपी/एमएलए द्वारा गिरोहबंद कानून में जारी रिमांड आदेश की वैधता को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. मुख्तार ने हाईकोर्ट को बताया कि वह पिछले 16 साल से जेल में बंद है, और मऊ से बसपा विधायक है. अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया. याची का कहना है कि गिरोहबंद कानून में अधिकतम सजा 10 साल की कैद है. जबकि वह इससे ज्यादा समय से जेल में है.

मुख्तार अंसारी ने कोर्ट को बताया कि उसके खिलाफ 2007 में गिरोहबंद कानून के तहत गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में FIR दर्ज कराई गई थी, जबकि वह 22 अक्टूबर 2005 से जेल में बंद है. इस मामले में विशेष अदालत, वाराणसी ने 22 जुलाई, 2009 को रिमांड स्वीकृत किया था. इस समय यह मामला प्रयागराज स्पेशल कोर्ट में चल रहा.

याची के अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष सुप्रीम कोर्ट के गौतम नौलखा केस की नजीर पेश करते हुए कहा कि तय समय से अधिक किसी को जेल में नहीं रखा जा सकता. ऐसे में उसे गिरोहबंद कानून के तहत बंद रखना गैरकानूनी है. विचारण न्यायालय वारंट जारी करने जा रही है. हाईकोर्ट ने याची को विशेष अदालत में 2 हफ्ते में अर्जी देने के साथ ही एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट प्रयागराज को निर्देश दिया है कि वह मामले के संबंध में जेल अधीक्षक से रिपोर्ट लेकर उचित आदेश पारित करें.

रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी

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