Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रविवार को दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के हित में एक बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने अपने एक निर्णय में स्पष्ट किया कि, यदि किसी कर्मचारी का चयन नई पेंशन स्कीम लागू होने से पहले हुआ है, तो वह भी पुरानी पेंशन पाने के योग्य होगा. चाहे फिर उसका नियमितीकरण नई पेंशन स्कीम आने के बाद ही क्यों न हुआ हो.
कोर्ट के जज सरल श्रीवास्तव ने नगर निगम प्रयागराज के कर्मचारी कमालुद्दीन के मामले में ये बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, क्योंकि इस मामले में तारिख महत्वपूर्ण है. इसलिए कर्मचारी की नियुक्ति की तिथि का आंकलन उसके सेवा में आने की तिथि से किया जाएगा.
दरअसल, विभाग ने कर्मचारी को पुरानी पेंशन पाने के लिए इसलिए अपात्र बता दिया, क्योंकि उसकी नियुक्ति 1989 में दैनिक वेतनभोगी के तौर पर हुई थी, और उसका नियमितीकरण 2008 में हुआ. वहीं, 2005 से पुरानी पेंशन योजना समाप्त कर दी गई. इसके बाद कोर्ट के समक्ष सवाल उठा कि एक अप्रैल 2005 के बाद सेवा में नियमित हुए कर्मचारी को पुरानी पेंशन के लिए हकदार माना जाएगा या नहीं.
Also Read: Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश- सेवानिवृति विकल्प भरने में देरी से ग्रेच्युटी का हक नहीं होगा खत्म
कर्मचारी की नियुक्ति की तिथि को अहम मानते हुए कोर्ट ने दैनिक वेतनभोगी के तौर पर दी गई सेवा पेंशन लाभ में जोड़ने की बात कही. कोर्ट ने कर्मचारी को पेंशन से वंचित रखने के फैसले को गलत करार दिया. साथ ही पुरानी पेंशन का लाभ देने का आदेश जारी कर दिया.