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कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी पर सरकार से मांगा जवाब, गैंगस्टर एक्ट में 2005 से जेल में है बंद

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ने जमानत पर बहस करते हुए कोर्ट को बताया कि याची के खिलाफ मऊ के दक्षिण टोला थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत FIR दर्ज कराई गई है.

Prayagraj News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय में बाहुबली मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. यह आदेश जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने दिया है. याची मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ने जमानत पर बहस करते हुए कोर्ट को बताया कि याची के खिलाफ मऊ के दक्षिण टोला थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत FIR दर्ज कराई गई है. इस मामले में याची 25 अक्टूबर, 2005 से जेल में बंद है. जो कि कभी लंबा समय है.

वहीं, प्रदेश सरकार की ओर से कोर्ट के समक्ष सरकारी वकील ने कहा कि अंसारी को 13 अप्रैल, 2021 को बी-वारंट तामील किया गया था. वह हत्या, डकैती जैसे कई जघन्य अपराधों में संलिप्त रहा है. याची के जमानत पर रिहा होने के बाद एक बार फिर अपराध में शामिल होने की प्रबल संभावना है. जिसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद प्रदेश सरकार से 6 सप्ताह में जवाब मांगा है.

 मुख्तार पर विधायक निधि के दुरुपयोग का आरोप

वहीं एक अन्य मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई से न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने खुद को अलग कर लिया. उन्होंने याचिका किसी अन्य कोर्ट में ट्रांसफर के लिए मुख्य न्यायाधीश को संदर्भित कर दिया. दरअसल, मुख्तार अंसारी के खिलाफ साल 2012-2013 में विधायक निधि के दुरुपयोग का आरोप लगा है.

 अगली सुनवाई 28 अप्रैल को

आरोप के मुताबिक, उन्होंने निजी स्कूलों को विधायक निधि से फंड जारी किए थे. इस संबंध में मुख्तार का कहना है कि वह करीब 17 साल से जेल में है. जिस स्कूल को पैसे दिए गए उसकी जांच की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की थी. वहीं अब जमानत मामले में अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी. जबकि दूसरी याचिका पर अगली सुनवाई 2 मई को होगी.

रिपोर्ट- एसके इलाहाबादी

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