इलाहाबाद यूनिवर्सि‍टी में बढ़ी फीस घटाने के लिए उग्र प्रदर्शन, VC कार्यालय की छत पर चढ़े छात्र का हंगामा

दरअसल, सोमवार को भी प्रदर्शन के दौरान एक छात्र ने आत्मदाह का प्रयास भी किया था. मगर समय रहते उसे रोक लिया गया. वहां बड़ी तादाद में मौजूद छात्रों को पुलिस ने हटा दिया है. छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी की तरफ से 400 प्रतिशत फीस में बढ़ोतरी की गई है. यह उचित फैसला नहीं है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 20, 2022 3:49 PM

Allahabad University Fee Hike Protest: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि को लेकर विरोध का मामला अब काफी गंभीर रूख अख्‍ति‍यार कर चुका है. उग्र हो रहे प्रदर्शन को खत्‍म करने के लिए छात्रों पर तेज पानी की बौछार करनी पड़ी. दरअसल, सोमवार को भी प्रदर्शन के दौरान एक छात्र ने आत्मदाह का प्रयास भी किया था. मगर समय रहते उसे रोक लिया गया. वहां बड़ी तादाद में मौजूद छात्रों को पुलिस ने हटा दिया है. छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी की तरफ से 400 प्रतिशत फीस में बढ़ोतरी की गई है. यह उचित फैसला नहीं है.

बीते सोमवार भी विश्विद्यालय परिसर में जमकर बवाल हुआ था. कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया था. बीते दिन ही प्रदर्शन में शामिल एक छात्र ने आत्मदाह की कोशिश की थी. आदर्श भदौरिया नाम के इस छात्र ने आरोप लगाया था कि आंदोलन में शामिल होने के चलते पुलिस उसके परिवार को परेशान कर रही है. इस पूरे मामले पर विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर संगीता श्रीवास्तव ने एनडीटीवी चैनल को बताया क‍ि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की सौ साल से फीस नहीं बढ़ी है. इसलिए फीस को अभी बढ़ाना बहुत जरूरी है. वीसी ने कहा, ‘उनकी मां भी इसी विश्वविद्यालय से पढ़ी हैं. उन्होंने भी 12 रुपये की फीस थी, मैंने भी इसी विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है, मैंने भी 12 रुपये की फीस दी है. मेरे बच्चे भी यहां से पढ़ते तो वे भी 12 रुपये की फीस देते. इस महंगाई में हर चीज महंगी हो गई है. ऐसे में विश्वविद्यालय इतने कम फीस में अपने आप को संभाल नहीं पा रहा है. सरकार ने भी हमसे इंटर्नल रिसोर्स जनरेट करने को कहा है. इसमें से कुछ खर्चे हमें खुद वहन करें और कुछ सरकार ने देने को कहा है. इसलिए हमारे पास यूनिवर्सिटी की फीस बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा था.

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कुलपति कार्यालय के छत पर चढ़ गया

इलाहाबाद केंद्रीय विश्‍वविद्यालय में 400 प्रति‍शत फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन मंगलवार को और तेज हो गया. सैकड़ों की संख्या में छात्र छात्रसंघ भवन पर एकत्रित हुए. इसके बाद छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में मार्च निकाल कर आम छात्रों से फीस वृद्धि वापस लेने के लिए समर्थन मांगे. इसके बाद छात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय के मेन गेट पर एकत्रित हुए यहां से रणनीति तय करने के बाद प्रदर्शनकारी सैकड़ों की संख्या में छात्र कुलपति कार्यालय पहुंचे. तभी एक छात्र गैस सिलेंडर और लाइटर लिए कुलपति कार्यालय के छत पर चढ़ गया. वह आत्मदाह करने की कोशिश करने लगा. वह हाथों में पोस्टर लिए फीस वृद्धि वापस लेने की बात कह रहा था कि सुरक्षाकर्मियों ने पीछे से पकड़ कर उसे नीचे उतारा इससे आग बबूला प्रदर्शनकारी छात्र उग्र हो गए और दर्जनों छात्रों ने मिट्टी का तेल पी लिया. इसके साथ ही दर्जनों छात्रों ने खुद के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाने की कोशिश की.

एक दर्जन छात्र बेहोश हो गए

इस दौरान मौके पर मौजूद भारी पुलिस बल ने उन सभी छात्रों को किसी तरह बचाया और वाटर चैनल पेट्रोल से भीगे छात्रों के ऊपर पानी की बौछार कराई गई. इसी बीच संगम नगरी प्रयागराज में झमाझम बारिश भी शुरू हो गई लेकिन भरी बरसात में भी फीस वृद्धि वापस कराने के लिए छात्र जुटे रहे. प्रदर्शन के दौरान दर्जनों छात्र बेहोश भी हुए एक के बाद एक बेहोश हो रहे छात्रों को दूसरे साथी एक जगह पर एकत्रित कर रहे थे. उन्हें लगातार एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल भेजा जा रहा था. लगभग एक दर्जन छात्र बेहोशी की हालत में अस्पताल पहुंचे.

छात्र कुलपति कार्यालय पर डटे

वहीं, मिट्टी के तेल पीने से उन छात्रों की तबीयत खराब हो गई. सुबह के समय छात्रों ने कहा था कि आज आर या पार की लड़ाई होगी. जो कुछ भी होगा विश्वविद्यालय इसकी कल्पना भी नहीं की होगी. छात्र नेताओं ने कहा कि शाम 6:00 बजे तक का समय विश्वविद्यालय प्रशासन को दिया गया. शाम 6:00 बजे तक की वृद्धि वापस नहीं होती या फिर कोई प्रशासनिक अधिकारी बात करने के लिए नहीं आता तो जो कुछ भी होगा उसे विश्वविद्यालय प्रशासन जरूर मिल जाएगा. आज पूरे दिन इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय का परिसर छावनी में तब्दील रहा मजिस्ट्रेट के साथ ही एसपी सिटी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद हैं. पीएससी के साथ ही छात्रों की गिरफ्तारी के लिए प्रिजमवैन भी लगाया गया है. हालांकि, यह तो साफ है कि छात्र पीछे हटने के मूड में नहीं है सैकड़ों की संख्या में अभी भी छात्र कुलपति कार्यालय पर डटे हुए हैं.

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