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भीम आर्मी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी भंग, परिवार समेत चंद्रशेखर का नहीं होगा कोई हस्तक्षेप

नयी दिल्लीः सहारनपुर के शब्बीरपुर की जातीय हिंसा के बाद चर्चा में आयी भीम आर्मी की भारत एकता मिशन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को भंग हो गयी है. नयी कार्यकारिणी में इसके संस्थापक सदस्यों में से एक चंद्रशेखर के परिवार की कोई भूमिका नहीं होगी. परिवार के किसी सदस्य का किसी भी कार्य एवं पद पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2017 2:51 PM

नयी दिल्लीः सहारनपुर के शब्बीरपुर की जातीय हिंसा के बाद चर्चा में आयी भीम आर्मी की भारत एकता मिशन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को भंग हो गयी है. नयी कार्यकारिणी में इसके संस्थापक सदस्यों में से एक चंद्रशेखर के परिवार की कोई भूमिका नहीं होगी. परिवार के किसी सदस्य का किसी भी कार्य एवं पद पर कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा.

भीम आर्मी के उत्तराखंड के प्रदेश प्रभारी महक सिंह ने यह घोषणा की है. बताया जाता है कि चंद्रशेखर उर्फ रावण के कहने पर ही महक सिंह ने एक प्रेस नोट जारी कर यह जानकारी दी है. प्रेस नोट में कहा गया है कि उत्तराखंड, राजस्थान और बिहार को छोड़ कर पूरे देश में भीम आर्मी की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है.

भीम आर्मी- बेज़ुबानों की आवाज़ या लोकतंत्र को चुनौती?

हालांकि, राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह एवं शामली के जिलाध्यक्ष नीटू गौतम अपने-अपने पद पर बने रहेंगे. महेंद्र सिंह खंडेलवाल राजस्थान के प्रभारी कार्यवाहक होंगे. प्रेस नोट में कहा गया है कि भीम आर्मी एक गैर-राजनीतिक संगठन है.

यह संगठन शोषित, पीड़ित, दलित और वंचित वर्ग के लोगों के लिए काम करती है. इस पर आरोप लगा है कि कुछ लोग केवल निजी स्वार्थ के लिए भीम आर्मी के नाम पर अवैध धन जुटा रहे हैं. लेकिन, भीम आर्मी ने इन आरोपों का खंडन किया है.

भीम आर्मी : क्यों हुआ उदय और कैसे ‘रावण’ बन गये चंद्रशेखर?

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि सहारनपुर जनपद में ठाकुरों और दलितों के बीच जातीय हिंसा के बाद भीम आर्मी चर्चा में आयी थी. जातीय हिंसा कराने का आरोप संगठन के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण पर लगा था. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

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