मेरी अंतरात्मा कहती है, 2019 से पहले बनेगा भव्य राम मंदिर : सिद्धार्थ नाथ सिंह, पढ़ें… तीन तलाक और अनुच्छेद 370 पर क्या कहा

इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश के चिकित्सा मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गुरुवार को भरोसा जताया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में होगा और 2019 से पहले वहां एक भव्य राम मंदिर बनेगा. मुस्लिम समुदाय से भी भाई बहन सामने आकर कहेंगे कि वे राम मंदिर चाहते हैं और यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2017 9:55 PM

इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश के चिकित्सा मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गुरुवार को भरोसा जताया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में होगा और 2019 से पहले वहां एक भव्य राम मंदिर बनेगा. मुस्लिम समुदाय से भी भाई बहन सामने आकर कहेंगे कि वे राम मंदिर चाहते हैं और यह बदलाव वह देख रहे हैं.

यहां विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय परिसर में स्वामी ब्रह्मयोगानंद की पुस्तक संपूर्ण भारत, परम वैभव भारत का विमोचन करने आए चिकित्सा मंत्री ने कहा, मेरे विचार से राम मंदिर पहले से वहां है, हमें एक भव्य राम मंदिर बनाना है. इसलिए राम मंदिर वहां है या नहीं, यह प्रश्न ही नहीं उठता. वह वहां है और रहेगा.

उन्होंने कहा, यदि कोई हमसे हमारे तीन एजेंडा के बारे में पूछे तो एक है तीन तलाक, दूसरा है राम मंदिर और तीसरा है अनुच्छेद 370. हमारे देश में परिस्थितियां कैसे बदल रही हैं यह देखें. जो लोग तीन तलाक को जायज ठहराया करते थे, अब वे लोग सुप्रीम कोर्ट के सामने खड़े होकर कह रहे हैं कि तीन तलाक गलत है और यह खत्म होना चाहिए. मंत्री ने दावा करते हुए कहा, जो लोग राम मंदिर को लेकर राजी नहीं थे, इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से सहमत नहीं थे, आज उनमें से 90 फीसद लोग कह रहे हैं कि जमीन लो और एक भव्य राम मंदिर का निर्माण करो. परिस्थितियां बदल रही हैं.

उन्होंने कहा, स्वामी जी (स्वामी ब्रह्मयोगानंद) के आशीर्वाद से स्वतंत्रता के बाद पहली बार आज जम्मू कश्मीर में भाजपा की सरकार है. अनुच्छेद 370 भी हटेगा, परिस्थितियों की वजह से यह होगा. यह आपकी मेहनत, आपके आशीर्वाद से होगा. सिंह ने कहा, धर्मनिरपेक्षवाद का अर्थ है कि हर किसी को अपने धर्म का पालन करने और आस्था का अधिकार हो. देश को कुछ खास संकेत और नारे एकता के सूत्र में बांधते हैं. मैं वंदे मातरम को इनमें से एक मानता हूं, राष्ट्रीय ध्वज को एक मानता हूं, राष्ट्रगान को इनमें से एक मानता हूं. लेकिन, आज जो लोग इस देश में धर्मनिरपेक्षवाद को बढ़ावा दे रहे हैं, उन्होंने इसे तोड़ मरोड़ दिया है और इसे बदल दिया है. उन्होंने इसे ऐसा बना दिया है, जो वंदे मातरम गाता है, वह धर्मनिरपेक्ष नहीं है.

जब राष्ट्रगान गाया जा रहा हो और आप खड़े हो जाते हैं, तब आप धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं. जब हिंदू की बात करते हैं, तब आप धर्मनिरपेक्ष नहीं होते. लेकिन, आज देश एकजुट है और इन चीजों का विरोध करनेवालों को कह रहा है कि आप छद्म धर्मनिरपेक्ष हैं और हम आपको नहीं चाहते.

Next Article

Exit mobile version