इलाहाबाद : इलाहाबाद हाइकोर्ट ने योगी सरकार के उस फैसले पर मुहर लगा दी है, जिसमें सरकार ने सभी मदरसों में राष्ट्रगान गाना अनिवार्य किया था. कोर्ट का फैसला आने के बाद उत्तर प्रदेश में अब सभी मदरसों में राष्ट्रगान गाना अनिवार्य हो गया है. इसी साल छह सितंबर को योगी सरकार ने हर मदरसे में राष्ट्रगान गाने और तिरंगा फहराने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ याचिकाकर्ता अलाउल मुस्तफा ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया.
इलाहाबाद हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि राष्ट्रगान और राष्ट्रध्वज का सम्मान करना संवैधानिक कार्य है. जाति, धर्म और भाषा के आधार पर इसमें भेद नहीं किया जा सकता. इससे पहले 15 अगस्त को मदरसों में ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने का कार्यक्रम करने और इसकी रिकॉर्डिंग करने के फरमान को लेकर भी विभिन्न दलों ने विराेध प्रकट किया था जिससे विभिन्न समुदायों में मतभेद हो गये थे. तब मुस्लिम संगठनों ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर मुस्लिमों की देशभक्ति पर संदेह करने का आरोप लगाया था. इससे पहले मामले मेें इलाहाबाद हाइकोर्ट ने उप्र सरकार से जवाब तलब किया था.
योगी सरकार के आदेश के बाद इस बार स्वतंत्रता दिवस के दिन उप्र के मदरसों में तिरंगा फहराया गया. योगी सरकार ने अनुदान प्राप्त मदरसों को स्वतंत्रता दिवस मनाने के निर्देश दिये थे, जिसका असर देखने को मिला था. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में तिरंगा फहराकर आजादी की 71वीं सालगिरह मनायी गयी थी. जगह-जगह वंदे मातरम के नारों के साथ मदरसे के बच्चों ने देश भक्ति के गीत गाये थे.