ऊंचाहार मामले में इलाहाबाद हार्इकोर्ट ने केंद्र आैर उत्तर प्रदेश सरकार से किया जवाब तलब
इलाहाबाद : इलाहाबाद हार्इकोर्ट ने राय बरेली जिले के ऊंचाहार में एक नवंबर, 2017 को एनटीपीसी के एक बायलर ट्यूब में हुए विस्फोट की सीबीआई जांच की मांग वाली एक याचिका पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को अपना अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने का शुक्रवार को निर्देश दिया. एनटीपीसी के बायलर ट्यूब में हुए […]
इलाहाबाद : इलाहाबाद हार्इकोर्ट ने राय बरेली जिले के ऊंचाहार में एक नवंबर, 2017 को एनटीपीसी के एक बायलर ट्यूब में हुए विस्फोट की सीबीआई जांच की मांग वाली एक याचिका पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को अपना अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने का शुक्रवार को निर्देश दिया. एनटीपीसी के बायलर ट्यूब में हुए विस्फोट में कई लोगों की जानें चली गयी थीं और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे. जनहित याचिका में केंद्र और राज्य सरकार को इस तरह की गंभीर घटनाओं में मुआवजे के भुगतान के संबंध में एक समान नीति बनाने का केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया गया.
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याचिका में यह मांग भी की गयी कि संवेदनशील प्रतिष्ठानों में दुर्घटनाओं के संबंध में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा स्टैंडर्ड मेंटनेंस पाॅलिसी भी बनाये जाये, ताकि मुआवजे के भुगतान में कोई भेदभाव न किया जा सके. हार्इकोर्ट के वकील विनोद कुमार द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश दिलीप बाबासाहेब भोसले और न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने तीन सप्ताह के बाद इस मामले की अगली सुनवाई करने का निर्देश दिया.
इस जनहित याचिका में अदालत से हार्इकोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज से इस घटना की जांच कराने का निर्देश जारी करने की भी मांग की गयी. इसके अलावा, इस जनहित याचिका में यह मांग भी की गयी कि एनटीपीसी में हुए विस्फोट पीड़ितों के आश्रितों को 20 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाये. वहीं, मामूली रूप से घायल हुए लोगों को 2-2 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान किया जाये.