दिल्ली के वीरेंद्र दीक्षित फर्जी बाबाओं की लिस्ट में शामिल, अखाड़ा परिषद ने जारी की दूसरी सूची

इलाहाबाद : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की शुक्रवार को यहां हुई बैठक में फर्जी बाबाओं की दूसरी सूची जारी की गयी. इसमें दिल्ली के वीरेंद्र दीक्षित कालनेमी, बस्ती के सचिदानंद सरस्वती और इलाहाबाद की त्रिकाल भवंता के नाम शामिल हैं. परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी 13 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2017 8:37 PM

इलाहाबाद : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की शुक्रवार को यहां हुई बैठक में फर्जी बाबाओं की दूसरी सूची जारी की गयी. इसमें दिल्ली के वीरेंद्र दीक्षित कालनेमी, बस्ती के सचिदानंद सरस्वती और इलाहाबाद की त्रिकाल भवंता के नाम शामिल हैं. परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी 13 अखाड़ों के प्रमुख शामिल हुए.

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि हम जनता से अपील करते हैं कि लोग ऐसे बाबाओं से सतर्क रहें, जो किसी परंपरा या संप्रदाय से नहीं हैं. साधु, संत, संन्यासी परंपरा, उदासीन परंपरा, नाथ परंपरा, वैष्णव संप्रदाय, शिव संप्रदाय आदि से आते हैं. वहीं, फर्जी बाबाओं की कोई परंपरा या संप्रदाय नहीं है.

इससे पहले 10 सितंबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने फर्जी बाबाओं की पहली सूची जारी थी, जिसमें 14 नाम शामिल थे. इनमें आशाराम बापू, गुरमीत राम रहीम, सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां, सच्चिदानंद गिरि, ओमबाबा उर्फ विवेकानंद झा, निर्मल बाबा, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ओम नम: शिवाय बाबा, नारायण साईं, रामपाल, कुश मुनि, मलखान गिरि और बृहस्पति गिरि शामिल थे.

महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि इस बैठक में अखाड़ों ने मांग रखी है कि सरकार माघ मेला और कुंभ मेला के कार्यों पर नजर रखने के लिए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की अगुआई में एक निगरानी समिति का गठन करे. इस समिति में प्रत्येक अखाड़े से एक-एक सदस्य, प्रयागवाल सभा के पदेन अध्यक्ष, दंडी स्वामी के पदेन अध्यक्ष, आचार्य बाड़ा के पदेन अध्यक्ष और खाक चौक के पदेन अध्यक्ष इसके सदस्य बनाये जायें.

उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा गठित कुंभ मेला विकास प्राधिकरण में अखाड़ा परिषद के सदस्यों को शामिल नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि परिषद के सदस्यों ने यह भी प्रस्ताव रखा कि अलवर के फलाहारी बाबा पर लगाये गये आरोप के मद्देनजर अदालत का निर्णय आने तक उनको निलंबित किया जा रहा है.

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