इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां कहा कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के स्वावलंबन के लिए सभी 60,000 ग्राम पंचायतों में स्वयंसेवी समूहों का गठन किया गया है. इनके माध्यम से महिलाओं के लिए तैयार योजनाओं को लागू किया जायेगा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शिक्षा इकाई विद्या भारती द्वारा यहां आयोजित शिविर समुत्कर्षा में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “अक्सर हम देखते हैं कि लड़का और लड़की के बीच भेदभाव परिवार से ही शुरू होता है और लोग लड़कों की शिक्षा आदि पर अधिक ध्यान देते हैं. समाज में विकृति यहीं से पैदा होती है.”
योगी आदित्यनाथ ने कहा, जो लोग कहते हैं कि लड़कियों को पढ़ाने से क्या होगा. उनसे मैं कहता हूं कि कौन सा ऐसा क्षेत्र है जहां भारत की महिलाओं ने एक नया नेतृत्व न दिया हो. दुनिया की सबसे सशक्त विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज का नाम कौन सम्मान से नहीं लेता है. सबसे सशक्त लोकसभा अध्यक्ष के रूप में सुमित्रा महाजन का नाम कौन नहीं लेता है और महिला सशक्तिकरण के रूप में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को कौन नहीं देख रहाहै. उन्होंने कहा, पूरे देश में विद्या भारती जैसे शैक्षणिक संस्थान शिक्षा की गुणवत्ता के साथ ही शिक्षा को संस्कारों से साथ जोड़ने, उसे राष्ट्रीयता के साथ जोड़ने का कार्य कर रहे हैं. यह न केवल सराहनीय है, बल्कि अन्य संस्थाएं भी इसे अपनाएंगी, ऐसा मुझे विश्वास है.
मेला क्षेत्र में बसायेगये 15 नगरों में पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित विद्या भारती विद्यालयों से 15,000 से अधिक छात्राएं ठहरी हुई हैं और इस तीन दिवसीय ‘समुत्कर्षा’ शिविर में हिस्सा ले रही हैं. ये छात्राएं कक्षा पांच से 12वीं तक की हैं. इसमें नेपाल से आई 70 छात्राएं भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने विद्या भारती द्वारा प्रकाशित पुस्तिकाओं का भी विमोचन किया जिनमें भारत की सफल महिलाओं की गाथा का उल्लेख किया गया है.
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