प्रयागराज में आपका स्वागत है! 444 साल बाद बदला इलाहाबाद का नाम
लखनऊ : योगी कैबिनेट ने मंगलवार को इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है. शनिवार को इलाहाबाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संतों की बहुप्रतीक्षित मांग इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किये जाने का ऐलान किया था, जिसके बाद आज कैबिनेट ने इसपर मुहर लगायी. यहां चर्चा कर दें कि इलाहाबाद […]
लखनऊ : योगी कैबिनेट ने मंगलवार को इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है. शनिवार को इलाहाबाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संतों की बहुप्रतीक्षित मांग इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किये जाने का ऐलान किया था, जिसके बाद आज कैबिनेट ने इसपर मुहर लगायी. यहां चर्चा कर दें कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किये जाने की मांग कई वर्षों से चली आ रही थी.
राज्यपाल राम नाईक ने भी इसके नाम बदलने पर सहमति जतायी थी जिसपर सोमवार को ही सरकार ने प्रस्ताव तैयार किया था.
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पौराणिक महत्व आप भी जानें
रामचरित मानस की बात करें तो इसमें इलाहाबाद को प्रयागराज ही कहा गया है. संगम के जल से प्राचीन काल में राजाओं का अभिषेक किया जाता था जिसका उल्लेख वाल्मीकि रामायण में पढ़ने को मिलता है. वन जाते वक्त श्रीराम प्रयाग में भारद्वाज ऋषि के आश्रम पहुंचे थे उसके बाद ही आगे बढ़े थे. भगवान श्रीराम जब श्रृंग्वेरपुर पहुंचे तो वहां प्रयागराज का ही उल्लेख आया. सबसे प्राचीन एवं प्रामाणिक पुराण मत्स्य पुराण के 102 अध्याय से लेकर 107 अध्याय तक में इस तीर्थ के महात्म्य का वर्णन देखने का मिलता है. इसमें अंकित है कि प्रयाग प्रजापति का क्षेत्र है जहां गंगा और यमुना का प्रवाह है.
आप भी जानें कब बदला नाम
यदि आप अकबरनामा और आईने अकबरी व अन्य मुगलकालीन ऐतिहासिक पुस्तकों पर नजर डालेंगे तो पता चलता है कि अकबर ने सन 1574 के आसपास प्रयागराज में किले की नींव रखने का काम किया था. अकबर ने यहां नया नगर बसाया जिसे उसने इलाहाबाद की संज्ञा दी. उसके पूर्व इसे प्रयागराज के ही नाम से लोग जानते थे.