कानपुर : इलाहाबाद में कुंभ अगले महीने शुरू हो रहा है. इसी के मद्देनजर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कानपुर एवं उन्नाव की चमड़ा इकाईयों (टैनरी) और बूचड़खानों को तीन महीने के लिए बंद करने का आदेश दिया है. ऐसे में इन इकाइयों में काम करने वाले लाखों कामगारों, मांस एवं चमड़ा निर्यातकों के साथ यहां काम करने वाले मजदूरों आैर कामगारों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो सकता है. चमड़ा इकाइयों को 15 दिसंबर से 15 मार्च तक बंद रखने का आदेश दिया गया है, ताकि कुंभ में आ रहे श्रद्धालुओं को स्नान के लिए स्वच्छ जल उपलब्ध हो सके. कुंभ मेला प्रयागराज में 15 जनवरी से चार मार्च, 2019 तक चलेगा.
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उत्तर प्रदेश राज्य औेद्योगिक विकास निगम के मुताबिक, कानपुर और उन्नाव में 264 छोटी-बडी चमड़ा इकाइयां हैं. एक लाख से अधिक परिवारों की रोजी-रोटी इन्हीं इकाइयों से चलती है. एक छोटी चमड़ा इकाई के मालिक ने बताया कि सरकार के आदेश से सबसे अधिक छोटी चमड़ा इकाइयां प्रभावित होंगी. उत्तर प्रदेश चमड़ा उद्योग संगठन के अध्यक्ष ताज आलम ने बताया कि राज्य सरकार के कदम से चर्म उद्योग और मांस प्रसंस्करण इकाइयों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा.
हालांकि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कुलदीप मिश्र ने इस बात से इनकार किया है कि कानपुर की सभी चमड़ा इकाइयों को बंद करने का आदेश दिया गया है. उन्होंने कहा कि 249 इकाइयों से कुल क्षमता के 50 फीसदी क्षमता पर कार्य करने को कहा गया है. चर्म निर्यात परिषद के अध्यक्ष मुख्तारूल अमीन ने कहा कि सरकार के फैसले से चर्म उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.