अयोध्या मामला : योगी ने कहा – गैर विवादित भूमि पर तत्काल कार्य करने की अनुमति मिले

प्रयागराज : अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल के पास अधिगृहित 67 एकड़ जमीन को उसके मूल मालिकों को लौटाने की अनुमति मांगने के लिए केंद्र द्वारा उच्चतम न्यायालय का रुख करने के फैसले का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को स्वागत किया. योगी ने प्रयागराज में कहा, हमें गैर विवादित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2019 4:15 PM

प्रयागराज : अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल के पास अधिगृहित 67 एकड़ जमीन को उसके मूल मालिकों को लौटाने की अनुमति मांगने के लिए केंद्र द्वारा उच्चतम न्यायालय का रुख करने के फैसले का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को स्वागत किया.

योगी ने प्रयागराज में कहा, हमें गैर विवादित भूमि पर तत्काल कार्य करने की अनुमति मिलनी ही चाहिए. उन्होंने कहा, हम केंद्र सरकार की इस पहल का स्वागत करते हैं. उल्लेखनीय है कि एक नयी याचिका में केंद्र ने कहा कि उसने 2.77 एकड़ विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल के पास 67 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था. याचिका में कहा गया कि राम जन्मभूमि न्यास ने 1991 में अधिगृहित अतिरिक्त भूमि को मूल मालिकों को वापस दिये जाने की मांग की थी. इस बीच उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एवं राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने प्रयागराज में ही संवाददाताओं से कहा, सरकार का ये मानना है कि राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द हो इसलिए सरकार हर पहलू पर, जो संविधान के तहत हो सकता है, उसका प्रयास कर रही है. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांगेस के बड़े नेता और एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर प्रयास किया कि ये पूरा मसला चुनाव के बाद तक टल जाये. उस दिशा में उन लोगों ने कार्य किया और रोड़े अटकाये.

सिंह ने कहा कि हमलोगों का हालांकि प्रयास है कि मंदिर निर्माण जल्द से जल्द हो क्योंकि ये आस्था का विषय है और पूरा भारत चाहता है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द हो. सिंह से सवाल किया गया कि राम मंदिर निर्माण भाजपा के एजेंडे में शामिल था, लेकिन पांच साल बीते जा रहे हैं, अब सरकार को चुनाव में जाना है तो क्या सरकार विपक्षी गठबंधन और जनता के दबाव में है. उन्होंने जवाब दिया, देखिये, ये कोई दबाव नहीं होता. ये आस्था है और ये कानूनी प्रक्रिया है. ये कानूनी प्रक्रिया, अब जाके सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई शुरू हो रही है, तो उसके आधार पर ही सरकार अपना काम कर रही है. मंत्री का ध्यान इस ओर दिलाया गया कि धर्म संसद के बाद, जैसा कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने एलान किया है कि वह अयोध्या कूच करेंगे. उनके साथ साथ अखाड़ा परिषद पहले से कह चुका है कि वह कुंभ मेले के बाद जायेगा.

इसके साथ ही उनसे पूछा गया कि इसके बाद क्या स्थिति रहेगी, सरकार कोई पहल कर सकती है क्या, क्या लोकसभा चुनाव से पहले मंदिर निर्माण शुरू हो सकता है. उन्होंने कहा, देखिये, मैं इतना ही कहूंगा कि सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण हो. ये जितना जनता से जुड़ा हुआ मसला है, जनता की जो आस्था है, वही सरकार की भी आस्था है.

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