Pulwama Attack के बाद कुंभ मेला में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त, 80 लाख श्रद्धालुओं के माघी पूर्णिमा का स्नान करने की संभावना

इलाहाबाद : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले में कम से कम 40 जवानों के शहीद होने की घटना के मद्देनजर विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम कुंभ मेले के पांचवें प्रमुख स्नान पर्व माघी पूर्णिमा स्नान के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये हैं. कुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2019 8:19 PM

इलाहाबाद : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले में कम से कम 40 जवानों के शहीद होने की घटना के मद्देनजर विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम कुंभ मेले के पांचवें प्रमुख स्नान पर्व माघी पूर्णिमा स्नान के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये हैं. कुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने सोमवार को यहां पत्रकारों को बताया कि माघी पूर्णिमा स्नान पर मंगलवार को करीब 80 लाख श्रद्धालुओं के गंगा और संगम में स्नान करने की संभावना है. स्नानार्थियों के लिए मेला क्षेत्र में सुरक्षा की प्रर्याप्त व्यवस्था की गयी है. पुलिस के अलावा, अन्य सुरक्षा एजेंसियों के जवान लगातार चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए हैं.

इसे भी देखें : कुंभ मेला : बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन के टेंट में लगी आग, बाल-बाल बचे, मोबाइल, चश्मा, घड़ी जलकर राख

उन्होंने कहा कि अगर कहीं अतिरिक्त सुरक्षा बलों की आवश्यकता पड़ेगी, तो रिजर्व फोर्स लेकर तत्काल तैनाती की जायेगी. उन्होंने कहा कि अभी मेला के लिए पर्याप्त बल है. मेला क्षेत्र में 96 कंट्रोल वॉच टावर स्थापित हैं. इसके साथ, मेला क्षेत्र में 440 सीसीटीवी कैमरों की मदद से निरंतर निगरानी की जा रही है. मेलाधिकारी ने बताया कि त्रिवेणी स्नान के लिए सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. देर शाम तक करीब 60 से 70 लाख लोगों के स्नान करने की संभावना है.

मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने कहा कि रेल गाड़ियों में सीमित भीड़ आती है, जबकि निजी वाहन जैसे ट्रैक्टर, जीप, बस आदि से 90 फीसदी श्रद्धालु संगम पहुंच रहे हैं. आनंद ने कहा कि मकर संक्रांति, बसंत पंचमी और मौनी अमावस्या स्नान पर जो व्यवस्थाएं की गयी थीं, उसमें इस बार थोड़ा संशोधन किया गया है. मंगलवार का स्नान, शाही स्नान नहीं होने के कारण अखाड़ा मार्ग पर तैनात रहे जवानों को शहर के मुख्य चौराहों पर भीड़ नियंत्रित करने के लिए तैनात किया गया है.

कुम्भ मेला के डीआईजी केपी सिंह ने कहा कि मेला प्रशासन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी श्रद्धालुओं को स्नान के बाद सुरक्षित उनके गंतव्य प्रस्थान की सुविधा देना है. दूर-दराज से आये श्रद्धालुओं के लिए कई मेला विशेष ट्रेनों के साथ ही राज्य परिवहन निगम ने अलग-अलग दिशाओं में रोडवेज की बसों का संचालन शुरू किया है. उन्होंने बताया कि सोमवार को लगभग 70 लाख लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगायी. इस तरह से सोमवार और मंगलवार को स्नान करने वालों की संख्या करीब डेढ़ करोड़ रहने की संभावना है.

Next Article

Exit mobile version