क्या कांग्रेस को गांधी परिवार के अलावा कोई नहीं दे सकता नेतृत्व

इलाहाबाद:इलाहाबाद में प्रियंका गांधी के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पोस्टर जारी किये जिसमें’कांग्रेस का मून, प्रियंका इज कमिंग सून’ लिखा था. आम चुनावों में हुयी कांग्रेस की करारी हार से पार्टी कार्यकर्ताओं का विश्वास राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर नहीं रहा. उन्होंने दोनों की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाये हैं. इस तरह प्रियंका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2014 4:46 PM

इलाहाबाद:इलाहाबाद में प्रियंका गांधी के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पोस्टर जारी किये जिसमें’कांग्रेस का मून, प्रियंका इज कमिंग सून’ लिखा था.

आम चुनावों में हुयी कांग्रेस की करारी हार से पार्टी कार्यकर्ताओं का विश्वास राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर नहीं रहा. उन्होंने दोनों की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाये हैं. इस तरह प्रियंका गांधी को आगे करने की मांग की जा रही है.

देशभर में कांग्रसी कार्यकर्ता प्रियंका को नेतृत्व सौंपने की बात कर रहे है. इधर अध्यक्ष पद का सोनिया गांधी का कार्यकाल अगले साल मार्च में पूरा हो रहा है. पार्टी तब तक राहुल गांधी को अध्यक्ष सौंपने की तैयारी कर रही है. प्रियंका को संगठन महासचिव की जिम्मेदारी सौंपना चाहती है.

*कितनी सही है प्रियंका क नेतृत्व सौंपने की मांग

आम चुनावों में कांग्रेस की करारी हार जगजाहिर है. इस कारण गांधी परिवार में हलचल मची हुयी है.

यहां गौर करने वाली बात है कि कांग्रेस के अंदर प्रियंका गांधी को अगला नेतृत्व सौंपने की मांग क्यों उठ रही है. इससे गांधी परिवार की राजनीतिक महत्वकांक्षाएं झलकती है. और जाहिर होता है कि प्रियंका गांधी को नेतृत्व सौंपने की मांग काग्रेस की सोची समझी रणनीति है.

प्रियंका के माध्यम से गांधी परिवार कांग्रेस में नयी पारी की शुरुआत करना चहता है. इससे नेतृत्व परिवर्तन भी हो जायेगा और गांधी परिवार का पार्टी पर वर्चस्व भी बना रहेगा.

* नेतृत्व का सवाल

क्या वास्तव में ऐसा है कि कांग्रेस में गांधी परिवार के अलावा कोई भी ऐसा नेता नहीं है जिसे नेतृत्व सौंपा जा सके. कांग्रेस में पी चिंदबरम,जयराम नरेश जैसे कई ऐसे बडे नेता हैं जिन्हें पार्टी नेतृत्व सौंपा जा सकता है. लेकिन शुरू से ही पार्टी नेतृत्व पर गांधी परिवार का वर्चस्व होने के कारण नेतृत्व में शून्य की स्थिति पैदा हुयी है. और प्रियंका पर ही नेतृत्व संभालने की उम्मीदें टिकी हैं.

अब देखना ये है कि कांग्रेस में प्रियंका क्या भूमिका निभाती है और यदि प्रियंका को नेतृत्व सौंप दिया जाये तो क्या राहुल गांधी पार्टी में हाशिये पर चले जाएंगे.

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