कोर्ट ने निठारी कांड के गुनाहगार सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा आजीवन कारावास में बदला
नयी दिल्ली : इलाहाबाद हाइ कोर्ट ने निठारी कांड के गुनाहगार सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया. इलाहाबाद हाइकोर्ट ने अदालत के उस फैसले को बदल दिया, जिसमें सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनायी गयी थी. हाइकोर्ट ने मंगलवार को उन सभी याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली […]
नयी दिल्ली : इलाहाबाद हाइ कोर्ट ने निठारी कांड के गुनाहगार सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया. इलाहाबाद हाइकोर्ट ने अदालत के उस फैसले को बदल दिया, जिसमें सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनायी गयी थी. हाइकोर्ट ने मंगलवार को उन सभी याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली थी, जिसमें सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की गयी थी.
यह फैसला मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस बघेल की खंडपीठ ने सुनाया. पिपुल्स यूनियन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स ने सुरेंद्र कोली की ओर से दायर याचिका में कहा था कि सुरेंद्र कोली की सजा को इसलिए उम्रकैद में बदल देना चाहिए, क्योंकि उसकी दया याचिका के निस्तारण में विलंब हुआ है.उसे पिछले साल फांसी की सजा सुनायी गयी थी, जिस पर बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा दी.
क्या है निठारी कांड
दिसंबर 2006 के अंतिम दिनों में नोएडा के डी-5 कोठी में सिलसिलेवार हो रहे हत्याकांड का खुलासा नोएडा पुलिस ने किया. उस कोठी में आसपास के इलाकों से 2005 से गायब हो रहे बच्चों की लगातार हत्या की जा रही थी. इस कांड में कोठी मालिक मनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरिंदर कोली को आरोपी बनाया गया था. इस मामले में मनिंदर सिंह पंढेर को इलाहाबाद कोर्ट से जमानत मिली है, जबकि वह इस कांड का प्रमुख दोषी था. वहीं, कोली को 10 सितंबर को फांसी देने की तारीख तय की गयी है.
सुरिंदर कोली नौकर के रूप में कोठी के गेट पर नजर रखता था और शाम ढलने वक्त जब इलाके में सन्नाटा छा जाता था तो वहां से गुजरने वाली लड़कियों को पकड़ लेता और उनका मुंह बांध कर उससे दुष्कर्म करता और फिर उसकी हत्या कर देता. उस पर शव के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है और उसके बाद शव के टुकड़े कर उसे खाने और फिर बचे टुकड़े को दफन कर देने का आरोप है. उसने ये बातें नारको टेस्ट में कबूल की है.