अंबेडकर को अपमानित कर रही है कांग्रेस : पासवान
इलाहाबाद : केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कांग्रेस परडॉ. बी. आर. अंबेडकर को विगत में ‘‘अपमानित’ करने तथा राजनीतिक लाभ के लिए उनके नाम का उपयोग करने का आज आरोप लगाया. इसके साथ ही उन्होंने हैदराबाद के छात्र रोहित वेमुला की मौत के मुद्दे पर विरोध कर रहे छात्रों से अपना आंदोलन वापस लेने […]
इलाहाबाद : केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कांग्रेस परडॉ. बी. आर. अंबेडकर को विगत में ‘‘अपमानित’ करने तथा राजनीतिक लाभ के लिए उनके नाम का उपयोग करने का आज आरोप लगाया. इसके साथ ही उन्होंने हैदराबाद के छात्र रोहित वेमुला की मौत के मुद्दे पर विरोध कर रहे छात्रों से अपना आंदोलन वापस लेने तथा जांच पूरी होने तक प्रतीक्षा करने को कहा. केंद्रीय खाद्य मंत्री ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा अंबेडकर का अपमान किया और अब राजनीतिक फायदे के लिए उनके नाम का उपयोग कर रही है. संसद के केंद्रीय कक्ष में 1989 तक उनकी एक भी तस्वीर नहीं थी. उस अवधि तक अधिकतर समय कांग्रेस सत्ता में रही थी. वीपी सिंह नीत सरकार के सत्ता में आने के बाद संविधान निर्माता को उनका उचित हक मिला। उस सरकार में पासवान भी मंत्री थे.
उन्होंने कहा कि रोहित वेमुला की दुखद आत्महत्या को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हडताल कर रहे जेएनयू छात्रों सहित सभी छात्रों से उनका आग्रह है कि वे अपना आंदोलन वापस ले लें। लोजपा दलितों की हिमायती रही है और हमारी पार्टी ने सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की है कि किन परिस्थितियों में हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोधछात्र को यह अतिवादी कदम उठाना पडा। एक न्यायिक जांच का आदेश दिया गया है. जांच आयोग के तीन महीनों के अंदर जांच पूरी कर लेने की संभावना है. हमें उस समय तक धैर्य रखना चाहिए.
पासवान ने कहाकि रोहित के मामले की पृष्ठभूमि में जो लोग दलितों के प्रति नरेंद्र मोदी सरकार की संवेदनशीलता को लेकर सवाल कर रहे हैं, मैं रेखांकित करना चाहूंगा कि हैदराबाद विश्वविद्यालय में युवा प्रतिभाशाली दलितों से जुडी ऐसी कई दुखद घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन इसी बार एक उचित जांच के आदेश दिए गए हैं.पासवान जिले की अपनी तीन दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने दूरदराज के इलाकों का दौरा किया और केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के कार्यान्वयन का जायजा लिया. उन्होंने इस दौरान अपनी पार्टी के लोगों के साथ ही भाजपा के स्थानीय नेताओं के साथ कई बैठकें कीं. प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
पासवान ने एक सवाल के जवाब में कहाकि मायावती कभी भी सभी दलितों की नेता नहीं रही हैं. उनका ध्यान सिर्फ अपनी जाति तक ही सीमित रहा है. इसने अन्य अनुसूचित जातियां को अलग थलग कर दिया और वे लोजपा की ओर काफी उम्मीदों से देख रहे हैं. भाजपा और लोजपा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव मिलकर लडेंगी.