इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन को चुनौती देने वाली एक याचिका की सुनवाई 19 अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दी. वर्ष 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे विधायक अजय राय की तरफ से दायर याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति वी के शुक्ला ने की. मोदी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता और भाजपा नेता सत्यपाल ने कहा कि याचिका विचारणीय नहीं है और यह जुर्माने के साथ खारिज किये जाने लायक है.
नामांकन पत्र भरने के पहले की घटनाएं-बचाव पक्ष
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता कोई सामग्री युक्त तथ्य पेश करने में असफल रहे और सुनी सुनाई बात पर केवल आरोप लगाकर रह गए. इसके अलावा उन्होंने जो आरोप लगाये हैं जैसे मोदी के चित्र वाली टोपियां बांटना 24 अप्रैल 2014 को उनके नामांकन पत्र भरने से पहले की घटनाएं हैं. अधिवक्ता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के ऐसे बहुत से फैसले हैं जिनमें यह व्यवस्था दी गई है कि किसी भी व्यक्ति को उनके नामांकन भरने के बाद ही उम्मीदवार माना जा सकता है और उस समय से पहले उनके समर्थकों की किसी गतिविधि के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
मोदी के खिलाफ दायर की थी याचिका
अदालत ने इसके बाद सुनवाई की अगली तारीख 19 अक्तूबर मुकर्रर की. राज्य विधानसभा में पिंडरा का प्रतिनिधित्व करने वाले राय ने लोकसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के तुरंत बाद जून, 2014 में चुनाव याचिका दायर की थी. भाजपा के पूर्व सदस्य राय कुछ समय तक समाजवादी पार्टी में रहने के बाद वर्ष 2012 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. हालांकि स्थानीय नेता राय का वाराणसी चुनाव में बहुत ही खराब प्रदर्शन रहा और वाराणसी सीट के लिए पड़े करीब 10.3 लाख वोटों में से 50 प्रतिशत से अधिक वोट मोदी के पक्ष में पड़े और उन्होंने एकतरफा तरीके से चुनाव जीता.