आज छह दिसंबर है. आज ही के दिन वर्ष 1992 में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विध्वंस कर दिया गया था. आज 24 साल बाद भी इस घटना की गूंज सुनाई पड़ती है, जब देश में कुछ लोग इस दिवस को शौर्य दिवस और कुछ काला दिवस के रूप में मनाते हैं. आज सोशल मीडिया में भी इसकी गूंज सुनाई पड़ी. ट्वीटर पर शौर्य दिवस और बाबरी मस्जिद जैसे शब्द हैशटैग के साथ ट्रेंड कर रहे हैं.
#शौर्य_दिवस के साथ कई लोगों ने ट्वीट किया, जिसमें अयोध्या में राम मंदिर बनाने का संकल्प दोहराया गया है.
प्रमोद सिंह लिखते हैं- आप हमारे इष्टदेव पर हम काम पूरा न कर पाए.. लेकिन सौगंध श्रीराम की. "चाहे जो हो जाये लेकिन मंदिर भव्य बनाएंगे" जय जय श्रीराम.
अनिल सिंह लोगों को शौर्य दिवस की शुभकामनाएं देते हुए लिखते हैं, सभी राम भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं और साथ ही अयोध्या में कारसेवकों के बलिदान को शत शत प्रणाम "जय श्री राम" .
6 दिसम्बर #शौर्य_दिवस की सभी राम भक्तों को हार्दिक शुभकामनायें, और साथ ही अयोध्या में कारसेवकों के बलिदान को शत शत प्रणाम "जय श्री राम" !!🚩 pic.twitter.com/ww14ZPtJhI
— अनिल सिंह 🇮🇳 (@AnilSingh2810) December 6, 2016
कुमार अवनीश लिखते हैं- कोठारी बंधुओं, हम आज भी शर्मिंदा है .कारसेवकों का हत्यारा आज भी जिंदा है.
वहीं बाबरी मस्जिद हैशटैग के साथ ट्वीट करने वाले इस दिन को भारतीय संस्कृति के दामन पर दाग बता रहे हैं, तो कुछ कह रहे हैं कि भारत पर हमला करने वाले बाबर के नाम पर इतना हंगामा क्यों है बरपा.
डार्थ सिड्यूस लिखते हैं कि बाबरी मस्जिद विध्वंस भारत के कपड़े पर हमेशा के लिए लगा हुआ एक दाग है. इस ट्वीट को मीसा भारती ने रिट्वीट किया है.
You should be ashamed that a blot such as the #BabriMasjid incident took place. It left a permanent rip in the fabric of our country
— Darth Syddius (@Syddie) December 6, 2016
वहीं रिषी बागरी लिखते हैं -आखिर क्यों धर्मनिरपेक्ष लोगों को बाबरी मस्जिद इतना प्रिय है, जबकि उसने यहां मस्जिद बनाने के लिए राम मंदिर को तोड़ा था.