इलाहाबाद : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार सामान्य जनों पर कानून का बोझ कम करने के लिए अभी तक करीब 1200 कानून खत्म कर चुकी है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 150 वर्ष पूरे होने पर साल भर से चल रहे कार्यक्रम के आज समापन समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सरकारों ने कानून का जो जंजाल बनाया है, कानून का बोझ जो सामान्य जनों पर लादा गया है, प्रधान न्यायधीश भी कहते हैं कि इस बोझ को कैसे कम किया जाए. मुझे इस बात की खुशी है कि हमारी सरकार के पांच साल पूरे भी नहीं हुए हैं और अब तक हम करीब करीब 1200 कानून खत्म कर चुके हैं.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘बदले हुए युग में टेक्नोलाजी की बहुत बड़ी भूमिका है. भारत सरकार ने भी आइसीटी के माध्यम से न्याय व्यवस्था का सरलीकरण करने और उसे मजबूत बनाने का प्रयास किया है. इस टेक्नोलाजी के माध्यम से अदालतों में गुणात्मक बदलाव आएगा, तेजी आएगी.’ उन्होंने कहा, ‘‘तारीख लेने के लिए विवेक की जरुरत नहीं होती, मसले सुलझाने के लिए विवेक की जरुरत होती है. अदालत में आने के बजाय मोबाइल पर तारीख लेने की परंपरा क्यों न शुरू की जाए. इससे दूर-दराज में तैनात सरकारी अधिकारियों को अपने मामलों के संबंध में अदालतों में पेश होने के लिए नहीं आना पड़ेगा और वे अपना बहुमूल्य समय प्रशासनिक कार्यों को निपटाने में खर्च कर सकेंगे.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अगर वीडियो कान्फ्रेंस से जेल और अदालत को हम जोड़ दें तो कितना समय बचा सकते हैं. कितना खर्च बचा सकते हैं. भारत सरकार का यह प्रयास है कि हमारी न्याय व्यवस्था को आइसीटी का भरपूर लाभ मिले.’ प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप शुरू करने वाले नौजवानों से नये-नये प्रयोग कर न्याय व्यवस्था के लिए समाधान उपलब्ध कराने का भी आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद की यह अदालत भारत के न्याय क्षेत्र का तीर्थ है. और इस तीर्थ क्षेत्र में इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर आप सबके बीच आकर सभी की बातें सुनकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं.
कानून से बड़ानहीं कोई : सीएम योगी
इस मौके पर योगी ने कहा कि कानून से बड़ा कोई नहीं होता है. इस समारोह में शामिल होना सौभाग्य की बात है. कानून का स्थान शासकों से ऊपर होता है. कानून शासकों का शासक है. वादियों को निष्पक्ष न्याय देना सरकार का कर्तव्य. कानून से ही समाज चलता है. न्याय और विधि एक-दूसरे के पूरक हैं. न्याय व्यवस्था देश और समय के साथ बदलती रही है. इलाहाबाद हाई कोर्ट देश का सबसे बड़ा हाई कोर्ट है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं.
गौर हो कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की 150वीं सालगिरह के मौके पर शपथग्रहण के बाद सीएम योगी पहली बार पीएम मोदी के साथ किसी सार्वजनिक मंच पर हैं. प्रधानमंत्री का विमान सुबह 10 बजे शहर से बाहर स्थित बमरौली हवाईअड्डे पर उतरा, जहां योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया. हवाई अड्डे पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक भी थे. इसके बाद पीएम उच्च न्यायालय परिसर के लिए रवाना हुए.
पीएम मोदी मेरे दिलकी बात सुनें : जस्टिस खेहर
भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस खेहरनेअपने संबोधन में कहा, प्रधानमंत्री मोदी जी मन की बात करते हैं कि मैं उनसे दिल की बात करते हैं. कुम्भ मेला, स्वतंत्रता संग्राम इलाहाबाद हाईकोर्ट से जुड़ा हुआ है, यह बहुत हर्ष का विषय है कि कुम्भ मेले का आयोजन इलाहाबाद में होता है. मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने कहा कि छुट्टियों में जजों को काम करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
न्यायालयों में लंबित प्रकरणों को लेकर चिंता जतातेहुए जस्टिस खेहर ने कहा, कोर्ट में मुकदमों का भारी बोझ है. न्यायिक कार्य में तकनीक का कैसे प्रयोग होगा इसे जस्टिस खेहर ने विस्तार से बताया. मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने कहा कि छुट्टियों में ट्रिपल तलाक, आसाम का सिटिजन इश्यू और अन्य मामलों की सुनवाई होगी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट का इतिहास गौरवमयी रहा : रविशंकर प्रसाद
इस अवसर पर केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का इतिहास गौरवमयी रहा है. यहां से जो अलख जगी उसने बार और बेंच का नाम रोशन किया. इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले मील के पत्थर हैं. त्वरित न्याय की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. गरीबी मिटाने के लिए तकनीक का जमकर प्रयोग करेंगे. न्याय पालिका की निष्पक्षता के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्घ है.
पोस्टर के जरिए समारोह में आने के पीएम का अभिनंदन
समारोह को खास बनाने के लिए हाई कोर्ट की बिल्डिंग की सजावट की गयी है. साथ ही शहर में जगह-जगह बड़ी स्क्रीन लगाकर समारोह का लाइव प्रसारण करने की तैयारी की गयी है. शहर के अलग अलग इलाकों में पीएम मोदी और सीएम योगी के साथ समारोह के पोस्टर भी लगाए गए हैं. पोस्टर के जरिए समारोह में आने के लिए पीएम का अभिनंदन किया गया है.
समारोह में पीएम मोदी और सीएम याेगी के साथ डिप्टी सीएम केशव मौर्या, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जीएस खेहर और यूपी के गवर्नर राम नाइक भी प्रोग्राम में शामिल हुए. केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी कार्यक्रम में मौजूदहुए. कोलकाता और मुंबई हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश साथ ही देश की सर्वोच्च अदालत के कई न्यायाधीश भी कार्यक्रम में मौजूद हैं.