Prayagraj: मौनी अमावस्या के स्नान पर्व के लिए प्रयारागज माघ मेला में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है. शनि अमावस्या का खास संयोग होने की वजह से इस स्नान पर्व पर डुबकी का महत्व और बढ़ गया है. देर रात से ही लोग संगम तट पर उमड़ पड़े. उन्होंने संगम में डुबकी लगाने के बाद आज विधि विधान से मां गंगा का पूजन अर्चन कर दीपदान किया. ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं का जोश देखने लायक था. मौनी और शनि अमावस्या के एक साथ पड़ने के कारण आज दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के यहां आस्था का पवित्र स्नान करने की संभावना है. इसके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज संगम में स्नान के लिए पहुंचे संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों का अभिनंदन किया है. उन्होंने कहा है कि श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए समुचित प्रबंध किए गए हैं. स्नान के अवसर पर आज हेलिकॉप्टर से संगम समेत गंगा के दोनों तटों पर बने स्नान घाटों पर पुष्पवर्षा की जाएगी. इस पुष्पवर्षा के जरिए संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया जाएगा. चार राउंड में संतों-भक्तों पर पुष्पवर्षा कराई जाएगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोक-आस्था के पावन पर्व मौनी अमावस्या की आप सभी श्रद्धालुओं एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. भगवान भास्कर एवं पतित-पावनी मां गंगा की कृपा से संपूर्ण जगत में सकारात्मकता का संचार हो, सभी का जीवन सुख, शांति एवं समृद्धि से परिपूर्ण हो, यही प्रार्थना है.
मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए मेला क्षेत्र में घाटों की संख्या बढ़ाकर 17 कर दी गई है. सभी जगह श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है. इस वजह से यहां घाटों का दायरा 800 मीटर तक बढ़ा भी दिया गया है. भारी भीड़ के मद्देनजर घाटों के अलावा पूरे माघ मेला में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है.
पैदल के अलावा घुड़सवार पुलिस जवान निगरानी कर रहे हैं. साथ ही पैरामिलिट्री फोर्स के अलावा जल पुलिस के जवान भी सतर्क हैं. सीसीटीवी कैमरा के अलावा बॉडी वार्न कैमरे से ऑनलाइन निगरानी की जा रही है. इन कैमरों से लैस पुलिसकर्मी मेला क्षेत्र के सघन भीड़ वाले स्थानों पर तैनात हैं. कंट्रोल रूम में बैठे पुलिसकर्मी और अफसर कैमरों के जरिए नजर बनाए हुए हैं.
ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के मुताबिक मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023) आज सुबह 6:17 बजे से शुरू होकर रविवार की रात 2:22 बजे तक रहेगी. आज स्नान-दान का बेहद महत्व है. सुबह 8:33 से 9:52 बजे के बीच इसका सबसे उत्तम मुहूर्त है. इस बार ग्रह नक्षत्रों का विशेष संयोग बना है. मकर राशि में सूर्य, शुक्र व शनि के संचरण से त्रि-ग्रहीय योग रहेगा. चंद्रमा व बुध धनु राशि में रहेंगे.
पद्य पुराण में माघ मास की अमावस्या तिथि सबसे श्रेष्ठ बताई गई है. पौराणिक मान्यता है कि इस दिन संगम में स्नान सुख-समृद्धि प्रदान करता है. शास्त्रों के मुताबिक मौनी अमावस्या पर मौन रहकर संगम में स्नान करने से जाने-अनजाने में हुए समस्त पाप नष्ट हो जातें हैं. ये पवित्र पल मनुष्य को आत्मशुद्धि का सुअवसर प्रदान करता है. मौनी अमावस्या पर स्वर्गलोक से देवता भी संगम में स्नान करने आते हैं. वे अलग-अलग रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं. इस वजह से यहां आज स्नान का बेहद महत्व है.