मरणोपरांत राष्ट्रपति पुरस्कार सम्मान से नवाजे जाएंगे ज्ञान चंद्र, अपनी जान कुर्बान कर किया था ये काम
आरपीएफ जवान ज्ञान चंद्र ने दो साल पहले एक महिला की जान बचाने के चक्कर में खुद की जान को कुर्बान कर दिया था. ऐसे में अब हुए उन्हें मरणोपरांत राष्ट्रपति पुरस्कार सम्मान से नवाजा जाएगा.
Prayagraj News. उत्तर मध्य रेलवे के भरवारी स्टेशन पर तैनात आरपीएफ जवान ज्ञान चंद्र ने अपनी जान देकर पिछले साल 2 मार्च को आत्महत्या करने पहुंची महिला की जान बचाई थी. महिला को बचाने के चक्कर में ज्ञानचंद खुद ट्रेन की चपेट में आ गए थे और उनकी मृत्यु हो गई थी. ज्ञानचंद की बहादुरी और कार्य के प्रति निष्ठा को देखते हुए उन्हें मरणोपरांत राष्ट्रपति पुरस्कार सम्मान से नवाजा जाएगा. इसकी घोषणा शनिवार को की गई.
दरअसल 2 मार्च 2021 को ज्ञानचंद भरवारी रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी पर तैनात थे. तभी अचानक रात 11:41 बजे प्लेटफार्म पर आ रही जयपुर एक्सप्रेस के सामने एक महिला को देखा. आवाज देने पर महिला ने नहीं सुना तो दौड़ कर उसे ट्रैक से धकेल दिया. उन्होंने महिला की तो जान बचा ली, लेकिन खुद की जान नहीं बचा सके. अपने साहस और वीरता के लिए अमर हो गए. उन्हें राष्ट्रपति की ओर से मरणोपरांत ‘सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक’ प्रदान किया जाएगा.
सीपीआरओ डॉक्टर शिवम शर्मा ने मीडिया को बताया कि स्व. ज्ञानचंद का जन्म यूपी के देवरिया जिले के खुखुंदू थानांतर्गत परसिया मिश्रा गांव में हुआ था. वह 25 मई 2006 को रेलवे सुरक्षा बल में कांस्टेबल के पद भर्ती हुए थे. वह भरवारी स्टेशन पर ही कार्यरत थे और स्टेशन के बगल में ही किराए का कमरा लेकर पत्नी चुन्नी देवी और दो बच्चों के साथ रहते थे.
उन्होंने बताया कि शहीद ज्ञान चंद्र ने पूरी निष्ठा के साथ 15 वर्षों तक रेलवे की सेवा की. घटना के समय तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी ज्ञान चंद्र की बहादुरी की सराहना की थी. राष्ट्रपति की ओर से ‘सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक’ से देश भर से 6 लोगों को सम्मानित किया जाएगा.
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रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी, प्रयागराज