फूलपुर में दलित और निषाद मतदाताओं पर टिकी सपा और भाजपा की नजर, इसबार बदल सकते है जातिगत समीकरण
यूपी चुनाव को लेकर प्रयागराज में पांचवे चरण में मतदान होने हैं. ऐसे में सभी उम्मीदवार अपनी ताकत लगा रहे है. फूलपुर विधानसभा की बात करें तो यहां चुनाव में प्रत्याशियों की चर्चा से कहीं ज्यादा योगी बनाम अखिलेश की चर्चा हैं.
Prayagraj News. यूपी चुनाव को लेकर प्रयागराज में पांचवे चरण में मतदान होने हैं. ऐसे में सभी प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी ताकत झोंक दी है. फूलपुर विधानसभा की बात करें तो यहां चुनाव में प्रत्याशियों की चर्चा से कहीं ज्यादा योगी बनाम अखिलेश की चर्चा हैं. फूलपुर विधानसभा में सबसे ज्यादा चर्चा बीजेपी के निवर्तमान विधायक प्रवीण पटेल और सपा के प्रत्याशी प्रतापपुर से निवर्तमान विधायक मुर्तजा सिद्धिकी की है. वहीं बसपा से रामलौलन यादव को लेकर यादव समाज असमंजस की स्थिति में नजर आ रहा है, कि पार्टी का साथ दे या बिरादरी का. बहरहाल तीनों पार्टियों के प्रत्याशियों की गुणा गणित जारी है.
दोनों विधायक अपने अपने सरकार की गिना रहे उपलब्धियां
भाजपा के वर्तमान विधायक प्रवीण पटेल योगी सरकार की तमाम उपलब्धियों को जनता के बीच पहुंचकर गिना रहे है. तो वहीं मुर्तजा सिद्धिकी भी पीछे नहीं है, वह भी आगरा एक्सप्रेसवे से लेकर कन्या विद्याधन जैसे तमाम योजनाओं के कसीदे पढ़ रहे है. दूसरी ओर मतदाओं की बात करें, तो इनके मुद्दे महंगाई, बेरोजगारी और स्वास्थ्य है. नीबी निवासी राजकरण ने प्रभात खबर से बात करते हुए कहा कि सरकार राशन तो दे रही, लेकिन आवारा जानवर से निजात नहीं मिल रही. पहले नील गाय से परेशान थे अब सांड से परेशान है.
जमुनीपुर कोटवा निवासी राजबली पांडे ने कहा कि यह चुनाव सीधे-सीधे योगी बनाम अखिलेश है. वह अपना वोट योगी के नाम पर देंगे. वहीं दलित अभी भी पशोपेश में पड़े है कि वह किस तरह जाए. दूसरी तरफ फूलपुर विधानसभा की भौगोलिक स्थिति की बात करें तो डेढ़ सौ से अधिक गांव कछारी बेल्ट से सटे हुए और यादव बाहुल्य होने के कारण यहां सपा ज्यादा मजबूत नजर आती है. लेकिन झूंसी आवास विकास के साथ ही अंडवा सहंसो जुनैदपुर, जमुनीपुर, ककरा , कोटवा इत्यादि इलाकों में देखे तो भाजपा ज्यादा मजबूत पड़ती है.
दुविधा में दलित और निषाद मतदाता, किसका दे साथ
फूलपुर विधानसभा में बड़ी संख्या में दलित मतदाता भी है, जो बसपा के पारंपरिक मतदाता माने जाते है, लेकिन इसबार की स्थिति थोड़ी अलग है. दलित मतदाता मायावती की चर्चा तो कर रहे, लेकिन उनकी जुबान पर योगी और अखिलेश का भी नाम है. ऐसे में अनुमान लगाना कठिन हो गया है कि वह किसके साथ है. वहीं, निषाद मतदाताओं की बात करें तो निषाद पार्टी का एनडीए से गठबंधन होने के बाद इनकी भी प्रतिक्रिया मिली-जुली देखने को मिल रही. ऐसे में चुनाव बेहद कांटे का नजर आ रहा है.
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कुल फूलपुर विधानसभा सीट से कुल 15 उम्मीदवार मैदान में है.
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प्रवीण पटेल, भारतीय जनता पार्टी, चुनाव चिन्ह कमल का फूल.
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मुर्तजा सिद्दीकी, समाजवादी पार्टी, चुनाव चिन्ह साइकिल.
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राम तौलन यादव, बहुजन समाज पार्टी, चुनाव चिन्ह हाथी.
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सिद्धार्थ नाथ मौर्या, इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी, चुनाव चिन्ह हाथ का पंजा.
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अशोक मौर्य, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) पार्टी, चुनाव चिन्ह फलों से भरी टोकरी.
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तहसीन हसन, अखिल भारतीय सोशलिस्ट पार्टी, चुनाव चिन्ह गन्ना किसान.
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मृदुला सिंह,जन अधिकार पार्टी, चुनाव चिन्ह गैस सिलेंडर.
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राकेश कुमार, लोकतांत्रिक पार्टी, चुनाव चिन्ह कप प्लेट.
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रामसूरत पटेल, आम आदमी पार्टी, चुनाव चिन्ह झाड़ू.
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श्याम सुंदर पाल, राष्ट्रीय समाज पक्ष पार्टी, चुनाव चिन्ह अंगूठी.
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शालिकराम, भारतीय कामगार पार्टी, चुनाव चिन्ह ऑटो रिक्शा.
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संदीप कुमार, भारत वैभव पार्टी, चुनाव चिन्ह बल्ला.
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भानु प्रताप सिंह निर्दलीय चुनाव चिन्ह केतली.
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विमल कुमार गुप्ता निर्दलीय चुनाव चिन्ह हेलीकॉप्टर.
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हरी लाल साहू निर्दलीय चुनाव चिन्ह फुटबॉल.
फुलपुर विधानसभा के मतदाता
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कुल मतदाता 406028
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पुरुष 222447
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महिला 183517
जातिगत आंकड़े (अनुमानित)
राजनैतिक जानकारों के मुताबिक जातिगत समीकरण कुछ इस प्रकार है.
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अनसूचित जातीय- 75 हजार
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यादव – 70 हजार
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पटेल – 60 हजार
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ब्राह्मण – 45 हजार
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मुस्लिम – 50 हजार
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निषाद – 22 हजार
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वैश्य – 16 हजार
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क्षत्रीय – 15 हजार
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रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी, प्रयागराज