UP Election: बागपत में SP पर बरसे अमित शाह, बोले- चुनाव में तय हो जाएगा, माफिया या कानून, किसका चलेगा राज

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज बागपत में एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी का जमकर घेराव किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 6, 2022 5:11 PM
an image

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहले चरण की वोटिंग के लिए अब सिर्फ चार दिन का समय बाकी रह गया है. इस बीच सभी पार्टियों ने अधिक से अधिक वोटबैंक को अपने पाले में लाने के लिए चुनाव प्रचार तेज कर दिया है. इस क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज बागपत में एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी का जमकर घेराव किया है.

‘जनता तय करे यूपी में माफियाराज या कनून का राज’

अमित शाह ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, ये चुनाव निश्चित करने वाला है कि आने वाले दिनों में फिर से एक बार यहां माफियाओं का राज चलेगा या क़ानून का राज चलेगा. उत्तर फिर से एक बार दंगों की आग में झुलसेगा या यहां विकास का रास्ता प्रशस्त होगा, ये निश्चित करने का चुनाव है.

‘यूपी में गरीबों के घर में 70 साल तक बिजली नहीं आई’

अमित शाह ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का घेराव करते हुए कहा कि, भाई अखिलेश जरा कान खोल कर सुन लो. उत्तर प्रदेश के 1.82 करोड़ गरीबों के घर में 70 साल तक बिजली नहीं आई थी, वहां बिजली पहुंचाने का काम हमारे नेता नरेन्द्र मोदी जी ने किया है. यूपी के चुनाव को कुछ लोग विधायक बनने का, मंत्री बनने की सीढ़ी का और कुछ लोग इस चुनाव को अपने राजनीतिक भविष्य से जोड़ते हैं. मगर ये चुनाव यूपी का भविष्य निश्चित करने का चुनाव है, प्रदेश को आगे ले जाने का चुनाव है.

Also Read: UP Election 2022: कांग्रेस ने चौथे चरण के लिए जारी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट, पंजाब के सीएम का भी नाम
सपा और बीजेपी के बीच जारी है आरोप-प्रत्यारोप का दौर

दरअसल, विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आते ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो चुका है. एक तरफ जहां बीजेपी अपनी हर रैली में समाजवादी पार्टी पर माफियाराज और खराब कानून-व्यवस्था जैसे तमाम मुद्दों पर निशाना साध रही है, तो वहीं दूसरी और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी और किसान विरोधी नीतियों को उजागर कर रहे हैं, अब यह तो 10 मार्च को पता चलेगा की जनता किसे सत्ता का रास्ता दिखाती है और किसे बाहर का रास्ता.

Exit mobile version