Lucknow News: उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव 2022 दिन पर दिन रोचक होता चला जा रहा है. एक और सपा, कांग्रेस और बसपा सहित आम आदमी पार्टी (आप) इस मैदान में अपनी किस्मत आजमा रही है. दूसरी ओर प्रदेश में भाजपा की सरकार की वापसी के लिए सारे समीकरण भिड़ाए जा रहे हैं.
किसान आंदोलन की वजह से भाजपा को जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए अब अमित शाह एक नया पैंतरा आजमाने जा रहे हैं. वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभुत्व वाले करीब 250 जाट मठाधीशों के साथ बैठक करके अपनी पार्टी की दरकी हुई दीवार को मजबूती देंगे. इस संबंध में भाजपा की ओर से सूत्रों ने बताया कि अमित शाह नाराज किसान नेताओं को भाजपा के पक्ष में लाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहे हैं. उम्मीद है कि 26 तारीख को यह बैठक होगी.
इसी क्रम में भाजपा ने जीत सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, बिजनौर जिलों की 27 विधानसभा सीट की जनता को रोटी-बेटी के रिश्ते के नाते पार्टी से जोड़ने की रणनीति अपनाई है. जी हां, किसान आंदोलन की नाराजगी को मिटाने के लिए यहां पर हरियाणवी भाजपाई टीम को उतारने की तैयारी की गई है.
दरअसल, पश्चिमी यूपी की 136 विधानसभा सीट का समीकरण उत्तर प्रदेश में जीत का रास्ता पक्का करने की सीढ़ी कही जाती है. देशभर में चले किसान आंदोलन की आंच का असर जितना वेस्ट यूपी में देखा गया था, उतना कहीं और नहीं देखा गया था. ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को इस बेल्ट का इंचार्ज बनाया गया था. बड़े ही नाटकीय अंदाज में केंद्र ने विवादास्पद कृषि कानून को तो वापिस ले लिया मगर किसानों के मन का मैल पूरी तरह से साफ नहीं कर सके हैं.