Aligarh News: ईरानी छात्रा से छेड़छाड़ मामले में AMU प्रोफेसर पर गिर सकती है गाज, HC के निर्णय का इंतजार

एएमयू के एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में यूनिवर्सिटी के व्यवसाय प्रबंधन में प्रोफ़ेसर बिलाल मुस्तफा के मामले को भी रखा गया. सुनने में आ रहा है कि सदस्यों ने सर्वसम्मिति से प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा को निलंबित करने का निर्णय लिया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 24, 2022 1:32 PM

Aligarh News: 8 साल पहले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू/AMU) के व्यवसाय प्रबंधन विभाग की एक ईरानी शोध छात्रा ने विभाग के ही असिस्टेंट प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा पर छेड़छाड़ और द्विअर्थी मैसेज भेजकर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. मामले में फिर नया मोड़ आया है. एएमयू की एग्जिक्यूटिव कांउसिल में इस मामले पर प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होने की बात सुनने में आई है.

बैठक में उठा मामला

एएमयू के एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में यूनिवर्सिटी के व्यवसाय प्रबंधन में प्रोफ़ेसर बिलाल मुस्तफा के मामले को भी रखा गया. सुनने में आ रहा है कि सदस्यों ने सर्वसम्मिति से प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा को निलंबित करने का निर्णय लिया गया है. ईरानी छात्रा से छेड़छाड़ और द्विअर्थी संवाद करने पर एएमयू के मैनेजमेंट में प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा पर मुकदमा दर्ज हुआ था. सीजेएम की अदालत ने एएमयू प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा को क्लीन चिट दे दी थी, जबकि एडीजे की अदालत ने प्रोफेसर को 1 साल की सजा सुनाई थी. जिसके खिलाफ प्रोफेसर हाई कोर्ट में मामले को ले गए थे. हाई कोर्ट में क्योंकि मामला लंबित है, इसलिए एएमयू को हाई कोर्ट के निर्णय का इंतजार है. कोर्ट निर्णय में अगर एएमयू प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा को सजा जारी रहती है, तो यूनिवर्सिटी एएमयू प्रोफेसर पर निलंबन की कार्यवाही कर सकती है.

यह था मामला…

वर्ष 2014 में एएमयू के व्यवसाय प्रबंधन विभाग में एक ईरानी शोध छात्रा ने विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. ईरानी छात्रा ने प्रोफ़ेसर पर छेड़छाड़ और द्विअर्थी बातचीत करने पर मुकदमा दर्ज कराया था. सीजेएम की अदालत ने प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा को क्लीन चिट दे दी थी. बाद में एडीजे तृतीय न्यायालय में विदेशी छात्रा ने अपील दायर की. एडीजे तृतीय राजेश भारद्वाज की अदालत ने विदेशी छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में एएमयू प्रोफेसर को दोषी ठहराया और 1 साल के कारावास समेत 10,000 रुपए जुर्माने से दंडित भी किया था. जिसके खिलाफ एएमयू प्रोफेसर ने हाइकोर्ट की शरण ली थी. मामला अभी हाइकोर्ट में लंबित है.

रिपोर्ट : चमन शर्मा

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