महंत नरेंद्र गिरि की मौत का मामला : आनंद गिरि ने लगाई गुहार, प्रशासन वकीलों से मिलने नहीं दे रहा
आनंद गिरि ने कहा, ‘जज साहब आप तो न्याय की मूर्ति हैं. आपके होते हुए मेरे साथ अन्याय किया जा रहा है. मैं दो माह से ज्यादा समय से जेल में बंद हूं. मैंने सीबीआई की चार्जशीट पढ़ी है. सीबीआई द्वारा गलत तरीके से साक्ष्य को तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है. मैं निर्दोष हूं.’
Mahant Narendra Giri Death News : महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में अभियुक्त बनाएं गए छोटे महाराज आनंद गिरि, आद्या तिवारी, संदीप तिवारी के खिलाफ सीबीआई की चार्जशीट पेश होने के बाद गुरुवार को सत्र न्यायालय में कमिटल (सुपुर्दगी) के स्तर पर सीजेएम कोर्ट में सुनवाई हुई. सीजेएम जज हरेंद्र नाथ के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए आनंद गिरि ने कहा, ‘उनके अधिवक्ताओं को प्रशासन उनसे मिलने नहीं देता, जिससे वह अपनी बातें अपने अधिवक्ता से नहीं कह पाते हैं.’ मामले में अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी.
आनंद गिरि ने कहा, ‘जज साहब आप तो न्याय की मूर्ति हैं. आपके होते हुए मेरे साथ अन्याय किया जा रहा है. मैं दो माह से ज्यादा समय से जेल में बंद हूं. मैंने सीबीआई की चार्जशीट पढ़ी है. सीबीआई द्वारा गलत तरीके से साक्ष्य को तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है. मैं निर्दोष हूं.’ इस पर न्यायालय की ओर से कहा गया कि मामला सत्र न्यायालय द्वारा परिक्षणीय है. सत्र न्यायालय द्वारा ही विचरण के समय देखा जाएगा.
इससे पहले आनंद गिरि के अधिवक्ता क्रिमिनल स्पेशलिस्ट सुधीर श्रीवास्तव ने सुपुर्दगी के प्रश्न पर बहस की. उन्होंने कहा कि प्रकरण सीबीआई से जुड़ा है. सीबीआई द्वारा विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया गया है. शासन द्वारा विशेष न्यायालय सीबीआई का गठन लखनऊ में किया गया है. अब इस न्यायालय को या सत्र न्यायालय को परीक्षण करने का क्षेत्राधिकार नहीं है.
इस पर सीजेएम कोर्ट ने कहा इस बिंदु पर सत्र न्यायालय में विचरण के समय विचार करने का कार्य अधिकार है. इस कारण सीजेएम द्वारा पत्रावली अपने यहां से कमिट करके सत्र न्यायालय में भेज दी गई है. मामले में अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी.
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रिपोर्ट : एसके इलाहाबादी