राष्ट्र ध्वज का अपमान करने पर ओवैसी के खिलाफ बाराबंकी में एक और केस दर्ज, जानें पूरा मामला
एआइएमआइएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ बाराबंकी में एक ओर मामला दर्ज किया गया है. इस बार ओवैसी और कार्यक्रम आयोजकों के खिलाफ राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को लेकर मामला दर्ज किया गया है.
Case against AIMIM MP Asaduddin Owaisi: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मुश्किलें लगातार बढ़ती हुई नजर आ रही है. बीते दिनों उनके खिलाफ बाराबंकी के एक कार्यक्रम में कोविड-19 दिशा-निर्देशों का उल्लंघन, साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ पर अभद्र टिप्पणी करने को लेकर मामला दर्ज हुआ था. ऐसे में एक बार फिर से उसी कार्यक्रम में राष्ट्र ध्वज का अपमान करने को लेकर एक और मामला दर्ज करवाया गया है.
ओवैसी के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद सोशल मीडिया पर एक ओर से फोटो जमकर वायरल हो रही थी. जिसमें राष्ट्र ध्वज एक खंभे मेंं लिपटा हुआ था. उसके पास में ओवैसी जनता को संबोधित कर रहे थे.जिसके बाद पुलिस ने राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम (1971) की धारा दो के तहत मामला दर्ज कर लिया. आपको बता दें कि राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम की धारा दो के तहत दोषी पाए जाने पर तीन साल के कारावास का प्रविधान है.
A new case has been registered against AIMIM MP Asaduddin Owaisi and event organiser for allegedly insulting the national flag at a public meeting in Barabanki
— ANI UP (@ANINewsUP) September 10, 2021
(file photo) pic.twitter.com/P6ZuOmeAaN
ओवासी के खिलाफ पहले से भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (कोई व्यक्ति अगर लिखित या मौखिक रूप से ऐसा बयान देता हैं जिससे सांप्रदायिक दंगा या तनाव फैलता है या समुदायों के बीच शत्रुता पनपती हैं), 188 (लोक सेवक के आदेश की अवहेलना करना), 269 (लापरवाही से जीवन के लिए खतरनाक बीमारी फैलने की संभावना), 270 (घातक कार्य से बीमारी का संक्रमण फैलने की संभावना) और महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
Also Read: UP: बुरे फंसे असदुद्दीन ओवैसी, बाराबंकी में पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने पर मामला दर्जबता दें कि नौ सितंबर को कटरा चन्दना में एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने प्रशासन की अमुमति के बिना कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस दौरान कोविड-19 दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए काफी संख्या में भीड़ इकट्ठा की गई थी. वहीं ओवैसी ने प्रधानमंत्री, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, प्रदेश सरकार के खिलाफ भी अभद्र टिप्पणियां की थी. साथ ही सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने को लेकर भी भड़काऊ भाषण दिया था.
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