Aligarh News: अलीगढ़ की जामा मस्जिद के बारे में आरटीआई मांगने वाले केशव देव पर एक और मुकदमा दर्ज़ हो गया है. उन्होंने ऊपरकोट स्थित जामा मस्जिद के बारे में आरटीआई मांगी थी. केशव देव पर सरकारी कार्य में बाधा डालने का एक और मुकदमा दर्ज किया गया है. उनपर पहले ही सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के लोगों को भड़काने और धार्मिक स्थल पर टिप्पणी करने को लेकर एक मामला दर्ज है.
दरअसल, केशव देव पर सरकारी काम में बाधा डालने पर मुकदमा दर्ज कराया गया है. बताया जा रहा है कि केशव देव पर सोशल मीडिया पर धर्म विशेष की भावना भड़काने और धार्मिक स्थल के संबंध में टिप्पणी करने के मामले में दर्ज मुकदमे का नोटिस तामील कराने के लिए पुलिस उनके आवास पर गई, जहां पर केशव देव की पुलिस से कहासुनी हुई. स्थानीय लोग इकट्ठे हो गए, जिसके चलते पुलिस केशव देव से नोटिस तामील नहीं करा पाई. पुलिस ने केशव देव पर सरकारी कार्य में बाधा डालने को लेकर थाना बन्नादेवी में एक और मुकदमा दर्ज कर दिया.
पुलिस पहले रात में, फिर अगले दिन सुबह दिन में केशव देव के आवास पर नोटिस तामील कराने गई, तो केशव देव ने पुलिस से थाने आकर नोटिस तामील करने की बात कही. केशव देव हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ बन्नादेवी थाने पहुंचे, जहां पर उन्होंने नोटिस तामील किया.
हिंदूवादी संगठन बजरंगदल आरटीआई एक्टिविस्ट केशव देव के समर्थन में आ गया है. बजरंगबल के अध्यक्ष गौरव शर्मा ने कहा है कि केशव देव पर पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर मुकदमा दर्ज किया गया है. अलीगढ़ प्रशासन यह तय करे कि जो जानकारी नगर निगम द्वारा दी गई वह गलत है या सही.
थाना बन्नादेवी के प्रभारी निरीक्षक रामकुमार सिंह ने आरटीआई एक्टिविस्ट केशव देव पर एक मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के लोगों को भड़काने और धार्मिक स्थल के संबंध में टिप्पणी की.
Also Read: माफिया मुख्तार अंसारी के पैसे से होता था ज्ञानवापी का रखरखाव, वायरल वीडियो में दावे के साथ जांच की मांग
आरटीआई एक्टिविस्ट केशव देव ने नगर निगम से 23 जून 2021 में सूचनाएं मांगी थी कि जामा मस्जिद किस की जमीन पर बनी है? जामा मस्जिद का निर्माण कब हुआ? जामा मस्जिद जिस जमीन पर बनी है, उस पर किसका मालिकाना हक है? नगर निगम ने 31 जुलाई 2021 में जन सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सूचना दे दी थी. नगर निगम ने अलीगढ़ की जामा मस्जिद पर मांगी गई सूचनाओं पर बताया था कि जामा मस्जिद सार्वजनिक भूमि पर बनी है. जामा मस्जिद के निर्माण के बारे में कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है. जामा मस्जिद पर मालिकाना हक किसी व्यक्ति विशेष का नहीं है.
रिपोर्ट- चमन शर्मा