Lucknow: यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी (UP State Medical Faculty) में नर्सिंग सलाहकार (Nursing Consultant) की तैनाती की तैयारी है. इसके लिये बकायदा विज्ञापन भी जारी कर दिया गया है. लेकिन राजकीय नर्सेस संघ (Rajkiya Nurses Sangh) ने इसका विरोध किया है. इसे इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC) के नियमों के के खिलाफ माना है. नर्सिंग सलाहकार की तैनाती को रोकने के लिये हाईकोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की गयी है.
राजकीय नर्सेस संघ के महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी लखनऊ में रजिस्ट्रार/उप रजिस्ट्रार, उ0प्र0 नर्सेज एंड मिडवाइव्स कॉउंसिल के पद पर आईएनसी के निर्धारित मानक के अनुसार नर्सिंग संवर्ग से तैनात होना चाहिए. लेकिन यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी के सचिव इस पद पर नियमित तैनाती न करते हुए संविदा के आधार पर नर्सिंग सलाहकार की तैनाती के लिये विज्ञापन जारी कर चुके हैं.
अशोक कुमार ने आशंका जतायी है कि हाईकोर्ट लखनऊ से रोक लगाये जाने के बावजूद मात्र 24 घंटे में ही सचिव यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी साक्षात्कार के माध्यम से नियमों के विरुद्ध चयन कर अपने करीबियों को लाभान्वित कर सकते हैं. उन्होंने मांग की है कि नर्सिंग सलाहकार के पद पर साक्षात्कार को तत्काल निरस्त किया जाये. साथ ही इस प्रकरण की जांच कराकर अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये.
महामंत्री राजकीय नर्सेस संघ ने मांग की है कि यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी में रजिस्ट्रार/उप रजिस्ट्रार, यूपी नर्सेज एंड मिडवाइव्स कॉउंसिल के पद पर नर्सिंग संवर्ग से नियमानुसार नियमित तैनाती की जाये. उन्होंने मीडिया में चल रही खबरों का हवाला देते हुये यह भी आरोप लगाया है कि यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी नर्सिंग पाठ्यक्रमों के संचालन के लिये नियमों की अनदेखी करके निजी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दे रहा है.