Bareilly News : बरेली की हवा को ऑक्सीजन की जरूरत, फिर बढ़ा शहर का AQI, जानें क्या होंगे सेहत को नुकसान
Bareilly News : बरेली की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है. शहर में वायु प्रदूषण बढ़ा है. जिसके चलते वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई (क्वालिटी इंडेक्स) बढ़कर 102 हो गया है. रविवार को शहर के सिविल लाइंस और राजेंद्रनगर का एक्यूआई 102, और सुभाषनगर का एक्यूआई 107 हो गया. इसके साथ ही पीएम 2.5 है.
Bareilly News : बरेली की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है. शहर में वायु प्रदूषण बढ़ा है. जिसके चलते वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई (क्वालिटी इंडेक्स) बढ़कर 102 हो गया है. रविवार को शहर के सिविल लाइंस और राजेंद्रनगर का एक्यूआई 102, और सुभाषनगर का एक्यूआई 107 हो गया. इसके साथ ही पीएम 2.5 है. इससे पहले दीपावली पर भी बरेली की हवा का एक्यूआई बढ़ गया था. बरेली शहर की हवा का एक्यूआई बढ़ने से हवा को भी ऑक्सीजन की जरूरत है.
बरेली के साथ ही नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और कानपुर आदि जिलों का भी एक्यूआई काफी बढ़ गया है. एक्यूआई बढ़ने से बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर काफी असर पड़ता है. ऐसे में घरों से निकलने में एहतियात बरतने की जरूरत है. हालांकि, बरेली के गांवों का एक्यूआई बहुत खराब नहीं हुआ है. शहर का एक्यूआई बढ़ने से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है. फिजिशियन डॉक्टर नदीम खां का कहना है बच्चे और बुजुर्ग एहतियात रखें. घर से भी कम निकलें.
फेफड़ों के लिए योग फायदेमंद
एक्यूआई बढ़ने से सांस की बीमारी हो सकती है. इसलिए फेफड़ों की मजबूती के लिए भुजंगासन यानी कोबरा योग करें. इस योग के अभ्यास से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं. धनुरासन योग भी अच्छा है. इससे फेफड़े साफ होते हैं. सुखांगसन योग से फेफड़ों के कार्य को बढ़ावा मिलता है.
50 एक्यूआई होना चाहिए
0 से 50 AQI है, तो यह बहुत अच्छी बात है. इससे सेहत पर कम असर होता है. 51-100 AQI भी ठीक है, लेकिन संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है.101 के बाद ठीक नहीं है.101 से 200 AQI से फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है. 201-300 AQI काफी खराब है.
लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत होना तय है. 301-400 AQI बहुत खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा होता है. 401-500 AQI सबसे अधिक खतरनाक है. इंसान की सेहत पर सबसे अधिक खराब होती है.
रिपोर्ट-मुहम्मद साजिद, बरेली