वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष ने रखीं दलीलें, कल हिंदू पक्ष की है बारी
मुस्लिम पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद पर वर्शिप एक्ट 1991 लागू होता है जबकि हिंदू पक्ष ने इस पर अपने दलीलें पेश करते हुए कहा कि ज्ञानवापी प्रकरण में वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता है. फिलहाल, कल 13 जुलाई दोपहर में इसमें हिंदू पक्ष को अपनी बात रखने के लिए कहा गया है.
Varanasi News: वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर केस की सुनवाई में वाराणसी की जिला अदालत में मुस्लिम पक्ष ने दलीलें पेश की. वह पूरी हो गई हैं. इसके बाद हिंदू पक्ष ने अपनी बहस कोर्ट में जारी रखी है जो कि अभी पूरी नहीं हो पाई. इसके लिए कोर्ट ने 13 जुलाई को नई तारीख दी है, जिसमें हिंदू अपने दावे पेश करेगा.
स्थान में कोई बदलाव नहीं होने की बात कही
मुस्लिम पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद पर वर्शिप एक्ट 1991 लागू होता है जबकि हिंदू पक्ष ने इस पर अपने दलीलें पेश करते हुए कहा कि ज्ञानवापी प्रकरण में वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता है. फिलहाल, कल 13 जुलाई दोपहर में इसमें हिंदू पक्ष को अपनी बात रखने के लिए कहा गया है. हिंदू पक्ष अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मीडिया में बताया कि हमने मुस्लिम पक्ष की बहस सुनने के बाद अपनी दलीलें कोर्ट में रखनी शुरू की. हमने कोर्ट में कहा कि नमाज पढ़ने से कोई जगह मस्जिद नहीं हो जाती हैं. यह तर्क हमारे हिंदू पक्ष की तरफ से कोर्ट में शुरू हो चुके हैं और कल भी जारी रहेंगे. कल भी कोर्ट ने हमारे पक्ष को सुनने के लिए 2 बजे का समय निर्धारित किया है. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि विष्णु शंकर जैन ने 2/5 के लिए आज अपनी बहस जारी रखी है. कल भी वे अपना पक्ष रखेंगे. मुस्लमी पक्ष के वकील मुस्ताक अहमद सिद्दीकी ने बताया कि आज कोर्ट में हमारी इतने दिनों से चल रही बहस पूरी हुई है. ज्ञानवापी मामले में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 एक्ट पर कोर्ट ने सहमति प्रदान की है. इसलिए स्थान में कोई बदलाव नहीं होने की बात कही गई है. वहीं, दूसरी तरफ हिंदू पक्ष अपनी दलीलें रख रहा है.
रिपोर्ट : विपिन सिंह