Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली की मीरगंज तहसील के क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी (ARO) धर्मेंद्र सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप में कार्रवाई की गई है. मीरगंज विधानसभा के भाजपा विधायक डॉ. डीसी वर्मा ने एआरओ की शिकायत की थी. विधायक की शिकायत की जांच में दोषी मिलने पर प्रमुख सचिव खाद्य ने मामले को गंभीरता से लिया. जिसके चलते सस्पेंड (निलंबित) कर उप आयुक्त खाद्य कार्यालय, आगरा से अटैच किया गया है.
इस मामले की जांच भी आगरा मंडल के उप आयुक्त खाद्य को सौंपी गई है. सप्लाई विभाग (आपूर्ति) के मीरगंज एआरओ धर्मेंद्र सिंह पर चहेते कोटेदारों (राशन दुकानदारों) को परिवहन व्यय से अधिक धनराशि देने के मामले में सस्पेंड किया गया है. एआरओ की मनमानी से विभाग के अफसरों के साथ ही कोटेदार भी परेशान थे. वह भाजपा विधायक डा. डीसी वर्मा के करीबी कोटेदारों की भी अनदेखा करता था.
शासन और उच्चाधिकारियों को भ्रामक सूचनाएं देने के साथ ही अनुशासनहीनता की शिकायतें थी.आरोपी एआरओ ने कागजों पर सड़क की लंबाई बढ़ा दी.इससे कोटेदारों को 4,01,749.20 का भुगतान हो गया. विभागीय आर्थिक घोटाला भाजपा विधायक ने शासन तक पहुंचाया.इसके बाद जांच शुरू हुई.जांच में आरोप सही पाए गए. संभागीय खाद्य अधिकारी जोगिंदर सिंह और जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने अलग-अलग रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर आरोपित एआरओ को सस्पेंड कर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की.जिसके चलते विभाग ने तत्काल प्रभाव से आरोपी एआरओ को सस्पेंड कर दिया.उनकी जांच उपायुक्त खाद्य आगरा को सौंपी गई है.
मीरगंज तहसील में तैनात एआरओ धर्मेंद्र सिंह खाद्य अधिकारियों की यूनियन में पदाधिकारी है. लखनऊ में पूर्ति विभाग की ओर से आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान एआरओ ने जमकर नारेबाजी की थी, जबकि उसने बरेली जिला पूर्ति कार्यालय में मेडिकल लगाया था. इसमें बीमारी की वजह से आराम करने की सलाह देने की बात कही गई थी.वह बीमारी का बहाना बनाकर लखनऊ में नेतागीरी और अपने मामले की पैरवी कर रहा था. प्रमुख खाद्य सचिव बीना कुमारी मीणा की कार्रवाई से संदिग्ध खाद्य अधिकारी भी सकते में आ गए हैं.क्योंकि, कुछ अधीनस्थ खाद्य अधिकारियों की शिकायत काफी समय से लंबित हैं.
एआरओ के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों में एसडीएम की बिना जानकारी के गलत तरीके से अधिक धनराशि का भुगतान कोटेदारों को कराये जाने के मामले की जांच की गई.इसमें जिला पूर्ति अधिकारी (डीएसओ) के पत्र पर जांच की गई.इसमें एआरओ ने एसडीएम के संज्ञान में लाये बिना, स्वयं के हस्ताक्षर से कोटेदारों को नियमानुसार देय परिवहन व्यय से अधिक भुगतान कराया गया.जिसके चलते 4,01,749.20 की शासकीय धनराशि की क्षति/ गम्भीर वित्तीय अनियमितता बरतने की पुष्टि हुई.इसके बाद एआरओ पर गाज गिरी है.
मीरगंज विधानसभा से भाजपा विधायक डा. डीसी वर्मा का कहना है, कि, करीब 50 कोटेदारों ने एआरओ की शिकायत की.इसमें धन उगाही समेत अन्य कई शिकायत थीं.एआरओ मीरगंज भी कम आते थे.एसडीएम की जांच में शिकायत सत्य पाई गई.इसी आधार पर कार्रवाई की गई है.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद