अश्विनी चौबे ने मायावती के बयान पर जताया कड़ा ऐतराज, बोले- ‘ब्राह्मण एक जाति नहीं संस्कार है’

मायावती के बयान के जवाब में केंद्रीय मंत्री चौबे ने कहा कि ब्राह्मण एक जाति नहीं संस्कार है. ब्राह्मण राष्ट्र के लिए जीता है. उत्तर प्रदेश में जितने भी दल हैं, ये गिद्ध की तरह हैं. आपने क्या समझ रखा है. ब्राह्मण क्या हाथ फैलाकर भिक्षा मांगने वाला है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2021 4:49 PM
an image

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने मंगलवार को बसपा सुप्रीमो मायावती के उस पर कड़ा ऐतराज जाहिर किया है, जिसमें उन्होंने कहा है, ‘अब ब्राह्मण समाज के लोग भाजपा के किसी भी तरह के बहकावे में नहीं आएंगे. ब्राह्मण समाज के लोग भाजपा के बहकावे में आकर बड़ी संख्या में उसके पक्ष में वोट किया.’

मायावती के इस बयान के जवाब में केंद्रीय मंत्री चौबे ने कहा कि ब्राह्मण एक जाति नहीं संस्कार है. ब्राह्मण राष्ट्र के लिए जीता है. उत्तर प्रदेश में जितने भी दल हैं, ये गिद्ध की तरह हैं. आपने क्या समझ रखा है. ब्राह्मण क्या हाथ फैलाकर भिक्षा मांगने वाला है.

इसके पहले, रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा था, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि अब ब्राह्मण समाज के लोग भाजपा के किसी भी तरह के बहकावे में नहीं आएंगे. ब्राह्मण समाज को फिर से जागरूक करने के लिए 23 जुलाई से अयोध्या से एक अभियान शुरू किया जा रहा है.’

बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले साल 2022 के मार्च-अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी पार्टी भाजपा और उसके सहयोगी दलों के साथ तमाम विपक्षी पार्टियों ने रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है. इसके मद्देनजर सूबे की योगी सरकार के मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की तैयारी की जा रही है, तो विपक्षी दल जातिगत समीकरण दुरुस्त करने में जुट गए हैं.

विधानसभा के आगामी चुनाव की सरगर्मियों के बीच रविवार को बसपा सुप्रीमो ने ऐलान किया था कि ब्राह्मणों को एकजुट करने के लिए उनकी पार्टी की ओर से आगामी 23 जुलाई को सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. इस दौरान उन्होंने कहा था कि ब्राह्मण समाज का एक बड़ा तबका भाजपा से नाराज है. उन्होंने कहा कि भाजपा के बहकावे में आकर ब्राह्मण समाज के लोगों ने उसे वोट किया.

मायावती ने आगे कहा कि सूबे के दलित समुदाय के लोगों पर उन्हें नाज है. भाजपा और कांग्रेस के लोगों ने दलितों को भटकाने का अथक प्रयास किए. उन्हें खिचड़ी खूब खिलाई. दलितों के हाथ की बनी खिचड़ी उन्हें पसंद नहीं. इसीलिए वे खुद ही खिचड़ी बनाकर ले गए होंगे.

Also Read: ज्योतिरादित्य सिंधिया को तो मिल गया ईनाम, मगर भाजपा का ‘प्रसाद’ पाने का अब भी इंतजार कर रहे हैं जितिन

उन्होंने कहा कि दलितों ने बसपा को एकतरफा वोट किया. वे किसी के बहकावे में नहीं आते. ब्राह्मण भाजपा के बहकावे में आ गए. मुझे भरोसा है कि ब्राह्मणों के साथ बहुत गलत हो रहा है और अब वे किसी के बहकावे में नहीं आएंगे. ब्राह्मण अब भाजपा को वोट नहीं करेंगे.

Posted by : Vishwat Sen

Exit mobile version