अतीक अहमद पर राजू पाल हत्याकांड में CBI कोर्ट में आरोप सिद्ध, कोर्ट ने 3 नवंबर दी अगली तारीख

25 जनवरी 2005 को राजू पाल की हत्या हुई थी. राजू पाल की हत्या के पीछे इलाहाबाद शहर पश्चिमी की सीट थी. इस सीट से विधायक अतीक अहमद सांसद बन गया था. उप चुनाव में अतीक का भाई चुनाव लड़ा लेकिन बसपा प्रत्याशी राजू पाल ने उसे चुनाव हरा दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2022 6:38 AM

Lucknow: बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद पर बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में आरोप सिद्ध हो गये हैं. लखनऊ कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिये अगली तारीख 3 नवंबर दी है. अतीक को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर साबरमती जेल में बंद था. उसे गुरुवार को एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया गया था.

गुरुवार को लखनऊ पहुंचे अतीक अहमद के चेहरे पर शिकन नहीं थी. पुलिस वैन से उतरते हुए उसने हंसते-हंसते सभी दुआ-सलाम की. मीडिया से बातचीत में उसने सीएम योगी आदित्यनाथ पर पॉजिटिव टिप्पणी की. जिससे सभी हतप्रभ रह गये. अतीक अहमद ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ जी बहुत बहादुर और ईमानदार हैं. वह अच्छा काम कर रहे हैं.

अतीक अहमद को प्रयागराज में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में मुख्य आरोपी बनाया गया है. कोर्ट में उस पर हत्या और आपराधिक साजिश की धाराओं में आरोप तय हो गए हैं. 3 नवंबर को अतीक की फिर से कोर्ट में पेशी होगी. भारी सुरक्षा व्यवस्था को साथ अतीक अहमद को लखनऊ कोर्ट में पेश किया गया था.

पूर्व सांसद अतीक अहमद दो साल से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर साबरमती जेल में बंद है. उसकी कोरोना महामारी खत्म होने के बाद कोर्ट में पहली पेशी है. अतीक अहमद के साथ उसका भाई अशरफ भी कोर्ट पहुंचा था. इस दौरान अतीक के समर्थक भी लगातार कोर्ट परिसर में बने हुये थे.

25 जनवरी 2005 को हुई थी राजू पाल की हत्या

25 जनवरी 2005 को राजू पाल की हत्या हुई थी. इलाहाबाद पश्चिमी के बसपा विधायक राजू पाल दोपहर तीन बजे अपने दो गाड़ियों के काफिले के साथ स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल से वापस आ रहे थे. राजू पाल क्वालिस में थे. जबकि दूसरी स्कार्पियो में उनके समर्थक थे.

राजू पाल स्वयं क्वालिस चला रहे थे. उनके साथ संदीप यादव और देवीलाल भी गाड़ी में पीछे बैठे थे. दोनों गाड़ियां सुलेमसराय जीटी रोड पर अमित दीप मोटर्स के सामने पहुंची ही थी कि एक गाड़ी राजू पाल की गाड़ी के आगे आ गई. इससे पहले की वह कुछ समझ पाते विंड स्क्रीन को तोड़ते हुये एक गोली उनके सीने में समा गयी. इसके बाद अन्य लोगों बाहर आये और फायरिंग शुरू कर दी.

तीन लोग राजू पाल की गाड़ी और दो लोग उनके पीछे चल रही स्कार्पियो पर गोलियां बरसा रहे थे. अचानक दिनदहाड़े गोलियों की बौछार होते देख कर वहां पर भगदड़ मच गयी. ताबड़तोड़ फायरिंग के बाद हमलावर वहां से भाग निकले. गोली कांड की सूचना मिलने के बाद पुलिस वहां पहुंची और राजू पाल को अस्पताल ले गयी. जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

हत्या से 10 दिन पहले हुई थी राजू पाल शादी

जिस दिन राजू पाल की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या की गयी, उससे 10 दिन पहले ही पूजा पाल से उसकी शादी हुई थी. अभी पूजा के हाथों की मेहंदी भी नहीं छूटी थी कि पूजा पाल विधवा हो गयी थी. राजू पाल की हत्या के पीछे इलाहाबाद शहर पश्चिमी की सीट थी. इस सीट से विधायक अतीक अहमद सांसद बन गया था. उप चुनाव में अतीक का भाई चुनाव लड़ा लेकिन बसपा प्रत्याशी राजू पाल ने उसे चुनाव हरा दिया. इसी के बाद से अतीक और राजू पाल के बीच अदावत शुरू हो गयी थी.

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