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Ayodhya: राम मंदिर पर बनेगी फिल्म, 500 वर्षों का इतिहास बताएंगे अमिताभ बच्चन, जाने और किसकी होगी भूमिका

फिल्म के कोआर्डिनेटर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सचिव सच्चिदानंद जोशी होंगे. उनका सहयोग मशहूर फिल्म निर्देशक एवं प्रसारित धारावाहिक चाणक्य के निर्माता निर्देशक डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी और अयोध्या राज परिवार के युवराज और देश के मशहूर साहित्यकार यतींद्र मिश्र करेंगे.

Lucknow News: अयोध्या के रामलला मंदिर के 500 साल के इतिहास को आने वाले समय में लोग पर्दे पर देख सकेंगे. इसमें रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण होते भी दिखाया जाएगा. इसके लिए फिल्म निर्माण की योजना बनाई गई है. फिल्म में दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन आवाज देंगे.

फिल्म के कोआर्डिनेटर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सचिव सच्चिदानंद जोशी होंगे. उनका सहयोग मशहूर फिल्म निर्देशक एवं प्रसारित धारावाहिक चाणक्य के निर्माता निर्देशक डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी और अयोध्या राज परिवार के युवराज और देश के मशहूर साहित्यकार यतींद्र मिश्रा करेंगे. फिल्म की पटकथा लिखने की जिम्मेदारी मशहूर लेखक और फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून को दी गई है. उनके साथ छह सदस्यों की एक टीम काम कर रही है. इन सभी लोगों ने नि:शुल्क अपनी सेवाएं प्रस्तुत करने को कहा है.

राम जन्मभूमि के इतिहास पर केंद्रित फिल्म निर्माण की योजना को राम जन्मभूमि परिसर में शनिवार की शाम संपन्न हुई राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में अंतिम रूप दिया गया. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के अनुसार राम मंदिर आंदोलन को लेकर बनाई जा रही इस फिल्म में मंदिर के 500 सालों के इतिहास को दिखाया जाएगा. इसमें मंदिर निर्माण को भी दिखाया जाएगा.

उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण की हर तरह से वीडियोग्राफी की जा रही है. इस फिल्म के जरिए मंदिर निर्माण के इतिहास को नौजवान पीढ़ी तक पहुंचाया जाएगा. जल्दी ही इस योजना पर काम भी शुरू होगा.

राम जन्मभूमि का इतिहास अनादि है. त्रेता युग में श्री राम का जन्म होने से पीढ़ियों पूर्व ही यह स्थल अयोध्या के यशस्वी सूर्यवंशीय राजाओं के राजप्रासाद का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है. श्री राम के जन्म के बाद से जहां यह स्थल साक्षात ब्रह्म की जन्म स्थली के रूप में गौरवान्वित हुआ.

वर्ष 1528 में मुगल आक्रांता बाबर के सेनापति मीर बाकी के हमले से यह स्थल राम भक्तों की अस्मिता पर आघात के रूप में स्थापित हुआ. इस अस्मिता का गौरव वापस दिलाने और राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए तब से सदियों तक लंबी लड़ाई चलती रही. इस संघर्ष में राजा महाराजाओं से लेकर आम राम भक्तों ने पराक्रम एवं साहस का परिचय दिया और लाखों लोगों ने बलिदान भी दिया. राम मंदिर के ही लिए विहिप के संयोजन में देश की आजादी के बाद का सबसे बड़ा आंदोलन भी चला. राम जन्मभूमि मुक्त का सुदीर्घ संघर्ष राम भक्तों को प्रेरित करने के साथ रोमांचित करने वाला भी है.

राम जन्मभूमि परिसर में ही पैदा की जाएगी विद्युत

वहीं राम मंदिर से सम्बन्धित कार्यों को लेकर चंपत राय ने बताया कि श्री रामलला के परिसर में स्वतंत्र विद्युत व्यवस्था होगी. राम जन्मभूमि परिसर में ही विद्युत उत्पन्न की जाएगी और उसी से परिसर को लाइट दी जाएगी. इसके अलावा सीवर प्लांट भी राम जन्मभूमि परिसर में खुद का होगा ताकि नगर निगम पर किसी तरीके का बोझ ना हो.

इतना ही नहीं जन्मभूमि परिसर में दो जगह सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे, जिसमें सीवर के पानी को शुद्ध करके पेड़ पौधों के बागवानी में इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा ऐसी व्यवस्था रखी जाएगी जिससे कि विद्युत सुचारु रहे. दो तरफ से विद्युत व्यवस्था की जाएगी. यदि कभी कोई तकनीकी समस्या आती है, तो विद्युत समस्या मंदिर में ना खड़ी हो दूसरी तरफ से विद्युत सुचारु की जाएगी.

रामायण के प्रसंगों पर आधारित लगाई जाएंगी झांकियां

भवन निर्माण समिति बैठक में लोअर प्लिंथ को लेकर चर्चा हुई. लोअर प्लिंथ में लगभग 100 रामायण के प्रसंगों पर आधारित झांकियां लगाई जाएंगी. बाल्मीकि रामायण से तीन सौ प्रसंग चुने गए थे, जिस पर आखिरी मुहर राम मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने लगाई है. अब जल्द ही इन मूर्तियों को बनाया जाएगा. मूर्तियों का निर्माण सबसे पहले पेंसिल से होगा फिर क्ले बनाया जाएगा. उसके बाद मॉडलिंग की जाएगी और फिर पत्थर की तराशी होगी.

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