Ayodhya News: हिंदू नववर्ष के पहले दिन बदली गयी राम मंदिर के गर्भगृह की ध्वजा, फहराया गया ‘राम ध्वज’

अयोध्या विवाद पर जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण शुरू हुआ. इस दौरान गर्भगृह की पहचान के लिए यहां पर एक भगवा रंग की पताका लगायी गयी थी

By Prabhat Khabar News Desk | April 2, 2022 9:43 PM

Ayodhya News: रामनगरी अयोध्या में चैत्र नवरात्रि के पहले दिन श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण स्थल के गर्भगृह के ध्वज और ध्वज दंड को बदल दिया गया. अब केसरिया ध्वज के स्थान पर रामध्वज को लगाया गया है. रामध्वज पर भगवान राम और बन रहा मंदिर बना हुआ है. राम ध्वज का दंड तांबे का बना हुआ है. जब राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा तो उसके ऊपर रामध्वज फहराया जाएगा.

दरअसल, 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांटा विध्वंस के बाद गर्भगृह के स्थान पर केसरिया झंडा लगाया गया था. इसके ऊपर तिरपाल का शेड बनाया गया था. चारों कोनों पर केसरिया झंडे लगाये गये थे. बाद में अस्थायी मंदिर में केवल आगे के दो कोनों पर केसरिया झंडे लगाये गये थे.

Also Read: UP: योगी 2.0 सरकार बनने के बाद पहली बार अयोध्या पहुंचे CM योगी, हनुमानगढ़ी मंदिर और रामलला के किए दर्शन
गर्भगृह में लगायी गयी थी भगवा रंग की पताका

अयोध्या विवाद पर जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण शुरू हुआ. इस दौरान गर्भगृह की पहचान के लिए यहां पर एक भगवा रंग की पताका लगायी गयी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पांच अगस्त को श्री राम जन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास और भूमि पूजन किया था. उसी दिन केसरिया रंग की एक ध्वज गर्भगृह में लगायी गयी थी.

Also Read: राम मंदिर निर्माण के लिए घाटशिला में निर्मित तांबा की पहली खेप भेजी गयी अयोध्या, दूसरी खेप भी जल्द जाएगी
चांदी की चौकी पर स्थापित किया गया कलश

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन श्री राम जन्मभूमि परिसर में बने अस्थायी राम मंदिर में वैदिक रीति रिवाज के साथ सबसे पहले आदिशक्ति की पूजा की गई. इसके बाद रामलला के गर्भगृह में चांदी की चौकी पर कलश स्थापित किया गया. इस बार रामनवमी पर जन्मभूमि स्थल पर विशेष सजावट की जाएगी.

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होती है हिंदू नववर्ष की शुरुआत

बता दें, हिंदू नववर्ष हर साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है. इसी दिन से नवरात्रि की भी शुरुआत होती है. इस तिथि का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. यही वजह है कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए भी इसी तिथि को चुना गया.

Next Article

Exit mobile version